लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। CBI ने दोनों को समन जारी किया है। लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को जांच एजेंसी ने IRCTC घोटाले में समन जारी किया है। इस मामले में तेजस्वी को 12 सितंबर को पेश होने के लिए कहा गया है। वहीं लालू प्रसाद यादव को 11 सितंबर को जांच एजेंसी के सामने पेश होना है।
CBI ने रेलवे के दो निजी होटलों को निजी कंपनी को लीज पर देने में कथित तौर पर बरती अनियमितताओं के संबंध में लालू यादव, राबड़ी देवी , तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। यह कथित धोखाधड़ी 2004 से 2009 के दौरान की गई। जब लालू यादव रेल मंत्री थे। CBI के अनुसार रेल मंत्री पद पर रहते हुए लालू यादव ने IRCTC के जरिए सुजाता होटल्स को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाया था। CBI का कहना है कि प्राइवेट कंपनी को अवैध तरीके से लाभ पहुंचाया गया। रांची और पुरी में होटलों के विकास, रखरखाव और संचालन के लिए बोली प्रक्रिया में कथित धोखाधड़ी की गई। जिसके एवज में लालू को पटना में तीन एकड़ का प्लॉट रिश्वत के तौर पर दिया गया। मौजूदा समय में इस जमीन पर मॉल का निर्माण हो चुका है।
CBI ने पांच जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120बी और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा 13 और 131 बी के तहत मामला दर्ज किया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
ये मामला साल 2006 का है जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री हुआ करते थे। साल 2006 में रेलवे के रांची और पुरी स्थित बीएनआर होटल के विकास, रखरखाव और संचालन के लिए टेंडर निकाला गया जिसमें कथित अनिमित्ताएं पाएं जाने पर मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। होटलों के रखरखाव का ये टेंडर सुजाता प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को भी दी गई जिसके मालिक विजय कोचर और विनय कोचर हैं. आरोप है कि सुजाता होटल्स ने इन होटलों के टेंडर के बदले प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी डिलाइट को दो एकड़ जमीन दी और बाद में ये कंपनी लालू परिवार को ट्रांस्फर हो गई। दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय भी लालू यादव की बेटी और दामाद शैलेश कुमार के खिलाफ वित्तीय अनियमित्ताओं की जांच कर रहा है. पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने मीसा भारती के दिल्ली स्थित बिजवासन स्थित फॉर्म हाउस को जब्त कर लिया था।