पटना : जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की दलित विरोधी है। दलित, महादलित के संवैधानिक अधिकार को खत्म करना चाहती है। गद्दी बचाने एवं चेहरा चमकाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव के समय बिहार को विशेष राजय का दर्जा की मांग कर प्रदेश की जनता को बेवकूफ बनाते हैं।
पटना में पत्रकारों से वार्तालाप कर श्री कुमार ने कहा कि राज्य सरकार श्वेत-पत्र जारी करबताये कि सूबे के कितने दलित व महादलित को आरक्षण एवं संवैधानिक अधिकार मिला है। इस वर्ग से आने वाले अधिकांश परिवार आज भी खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं। तकनीकी शिक्षा के लिए मिलने वाली राशि को बंद कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति जनजाति कोदलित महादलित में बांटकर समाज को तोडऩे का काम किया।
2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति का राष्ट्रीय साक्षरता दर 66 प्रतिशत है और बिहार में 48 प्रतिशत। अनुसूचित जाति जनजाति का राष्ट्रीय साक्षरता दर 59 प्रतिशत एवं बिहार में 51 प्रतिशत है। एनसीआरबी 2016 की रिपोर्ट के अनुसार दलितों पर अत्याचार में 746 प्रतिशत वृद्घि हुई है। 206 में प्रति लाख दलित पर अत्याचार की संख्या 2.4 थी जो 2016 में 20.3 हो गयी। संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल, उमेश दास, जगनारायण सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।