विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को सदन में डोकलाम मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि ‘युद्ध किसी भी मसले का हल नहीं है। जल्द ही इस विवाद का हल ढूंढ लिया जाएगा।’ इसके जवाब में चीन ने तेवर दिखाते हुए कहा कि ये ‘देरी की रणनीति’ है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि भारत को तत्काल प्रभाव से अपने ‘घुसपैठ करने वाले सैनिकों’ को वापस बुलाना चाहिए।
चीन की सरकारी मीडिया ने रेन के बयान को कोट करते हुए कहा, भारत को अपने देरी की रणनीति का भ्रम छोड़ देना चाहिए और घुसपैठ करने वाले अपने सैनिकों अपनी सीमा में बुला लेना चाहिए। रेन ने आगे कहा, चीनी सेना ने सामान्य द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को देखते हुए बहुत संयम बरता है।
फिर भी, सद्भावना उनका सिद्धांत है और संयम में उनमें भरा हुआ है। बता दें कि राज्यसभा में सुषमा स्वराज ने बोला, ‘हम डोकलाम मुद्दे पर समझौता नहीं कर रहे हैं’ हम चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत कर रहे हैं, इसी से विवाद का हल निकलेगा। उन्होंने कहा, ‘साल 2012 के बाद हमने इस इलाके को लेकर भूटान से कोई बातचीत नहीं की थी।
लेकिन चीन द्वारा डोकलाम में गतिविधि बढ़ाए जाना चिंता का विषय बन गया। हम इस मुद्दे पर चीन के साथ कूटनीतिक तौर पर समाधान ढूंढने का प्रयास करते रहेंगे। साथ ही हम इस मुद्दे पर भूटान सरकार के साथ भी प्रमुख रूप से बातचीत और तालमेल जारी रखेंगे।