उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में लाए जाने को लेकर जस्टिस चेलमेश्वर ने एक और चिट्ठी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को लिखी है। कॉलेजियम ने के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाए जाने की सिफारिश की थी, जिसे केंद्र ने पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था। चिट्ठी में जस्टिस चेलमेश्वर ने जस्टिस जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति की सिफारिशों पर अमल की राह में आ रहे नियमों के रोड़े का जिक्र करने वाले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की चिट्ठी के हर पॉइंट का जवाब दिया है।
चेलमेश्वर ने कहा है कि कॉलेजियम में शामिल पांच वरिष्ठ जजों को फिर से जोसेफ के नाम को केंद्र को भेजे जाने की अपील की है। केंद्र सरकार की तरफ से उनके नाम को पुनविर्चार के लिए लौटाए जाने के बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में कॉलेजियम की दोबारा बैठक भी हुई, लेकिन इसमें कोई फैसला नहीं लिया जा सका। चिट्ठी में जस्टिस चेलमेश्वर ने जस्टिस जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति रोके जाने के केंद्र सरकार के हर सवाल का जवाब दिया है।
चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में उन्होंने कॉलेजियम से फिर से के एम जोसेफ को दोबारा सुप्रीम कोर्ट में जज बनाए जाने की सिफारिश करने के लिए कहा है। बता दें कि 8 मई को उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ को प्रोन्नत करने की अनुशंसा पर फिर से विचार के लिए होने वाली सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की बैठक नहीं हुई। बैठक के बुधवार को होने के कयास लगाए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक के बुधवार को होने की संभावना थी, लेकिन यह चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर था कि वह इसके लिए क्या तारीख तय करेंगे और फिलहाल इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘कोलेजियम की बैठक कब होगी इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। यह स्वाभाविक है कि बैठक का एजेंडा जस्टिस जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में प्रोन्नति होगा।’’ चीफ जस्टिस के खिलाफ एक तरह से बगावत करने वाले जस्टिस जे चेलमेश्वर बुधवार को छुट्टी पर थे। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय के कोलेजियम ने 2 मई को उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस के. एम. जोसेफ पर अपना फैसला टाल दिया।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।