लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि उनकी सरकार दिमागी बुखार से बच्चों की मौत को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। योगी ने कहा दिमागी बुखार सबसे अधिक नवजात शिशुओं से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है। इन्हें बेहतर स्वास्थ्य देना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है, जिससे ये बच्चे आने वाले कल के लिए देश एवं प्रदेश के विकास में सहभागी बन सकें। जेई (जापानी इन्सेफेलाइटिस) और एईएस (एक्यूट इन्सेफेलाइटिस) वेक्टर जनित रोग हैं, इसलिए इनकी रोकथाम के लिए प्रभावित जिलों में टीकाकरण के साथ-साथ गांवों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने की जरूरत है। साथ ही लोगों को जागरूक कर अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए। इस कार्य के लिए शिक्षण संस्थान और स्वयंसेवी संस्थाओं को भी साथ लेने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री यहां जेई और एईएस को लेकर जागरूकता के एक अभियान की शुरूआत कर रहे थे। योगी ने कहा कि प्रदेश के 38 जिले एईएस तथा जेई से ज्यादा प्रभावित हैं। एईएस और जेई सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘दिमागी बुखार से बचने के लिए टीकाकरण का कार्य मार्च-अप्रैल 2018 तक अवश्य पूरा कर लिया जाए।’ दिमागी बुखार घातक वेक्टर जनित रोग है, जिसकी वजह से राज्य में सैंकडों बच्चों की मौत होती है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम निदेशालय की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2010 से अगस्त 2017 के बीच दिगागी बुखार के 26 हजार 686 मामले सूचित हुए।
रिपोर्ट में बताया कि 26 हजार 686 मामलों में से 24 हजार 668 मामले एईएस के और 2018 मामले जेई के थे। एईएस से पीडित 4093 मरीजों की उक्त समयावधि में मौत हो गयी, जबकि जेई से पीडित 308 मरीजों की जान गयी। खबरों के मुताबिक एईएस के लगभग 60 फीसदी मामले पूर्वी उत्तर प्रदेश में होते हैं और इनमें से भी अधिकांश मामले गोरखपुर और बस्ती मंडलों से होते हैं। बच्चे इस बीमारी के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील होते हैं। सूचित होने वाले मामलों में 85 फीसदी मामले दस साल से कम उम्र के बच्चों के होते हैं। योगी ने कहा कि कुपोषण भी इस बीमारी का एक कारण है, इसलिए गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को पुष्टाहार एवं जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कार्य कर रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से ही प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जा सका है और 617 गांवों में सघन टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ।