जयपुर : राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आज जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को जोड़ने के लिये ‘शक्ति अभियान’ शुरू किया। राजस्थान में पायलट परियोजना के तहत शुरू किये अभियान में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच की दूरी को पाटा जायेगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को जोड़ना चाहते हैं। यह अभियान पार्टी कार्यकर्ताओं का एक डाटा बेस तैयार करने में मददगार होगा जिससे पार्टी को मजबूती मिलेगी और आने वाले चुनावों में जीत हासिंल करने में मदद मिलेगी।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि इस योजना से जुड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को एक मोबाइल नम्बर पर अपनी वोटर आईडी नम्बर के साथ एक एसएमएस भेजना होगा, जिसकी जांच के बाद उसे पार्टी के डाटा बेस में शामिल कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पार्टी इस तकनीक के जरिये सभी कार्यकर्ताओं से जुडे़गी और उनके साथ वार्तालाप करेगी। उन्होंने कहा कि यह एक वास्तविक और प्रामाणिक डाटाबेस होगा। भाजपा की तरह गुमराह करने वाला मिस काल देने जैसा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी चाहते है कि प्रत्येक कार्यकर्ता का सम्मान किया जाए और महत्व दिया जाये। इस पहल के माध्यम से नेतृत्व को उनके सुझावों का पता चल जाएगा, जो संगठन को मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा कि इससे पार्टी का राजनीतिक रोडमैन तैयार करने में मदद मिलेगी। यह पहल आगामी विधानसभा चुनावों के लिये महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि दो लोकसभा और एक विधानसभा के उपचुनावों, और स्थानीय निकायों के उपचुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को पराजित किया है, जिससे पार्टी उत्साहित है और लोग भाजपा को सत्ता से बाहर कर देना चाहते है। उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं में किसानों की रिण माफी किसानों और कांग्रेस की दबाव के कारण की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी उपचुनावों में पराजय हुई है। मुख्यमंत्री को नैतिक आधार पर पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
प्रधानमंत्री की झुंझुनूं यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केवल भाषण दिया है। प्रदेश को किसी प्रकार का पैकेज की घोषणा नहीं की है। उन्होंने त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद लेनिन की मूर्ति को गिराये जाने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि विचारों में मतभेद हो सकते है लेकिन इस तरह की गतिविधियां नहीं होनी चाहिए।
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