देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में मंगलवार को रामनाथ कोविंद ने शपथ ली। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बाते कहीं, साथ ही कुछ पूर्व राष्ट्रपति के नाम भी लिए। जिसपर कांग्रेस ने राष्ट्रपति के पहले ही संबोधन पर सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने संबोधन पर सवाल उठाते हुए कहा कि रामनाथ कोविंद ने अपने भाषण में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का नाम नहीं लिया।
गुलाम नबी ने कहा कि नए राष्ट्रपति ने अपने पहले सम्बोधन में इन नेताओं के नाम तक नहीं लिए, जो दिल को चुभने वाली बात है। वहीं आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपिता गांधी के समकक्ष जनसंघ के नेता दीन दयाल उपाध्याय को नए राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में खड़ा किया, ये ठीक नहीं है। देश की जनता को अच्छा नहीं लगेगा। दरअसल, रामनाथ कोविंद ने शपथ ग्रहण के दौरान संसद के सेंट्रल हॉल में जब भाषण देना शुरू किया तो उन्होंने देश में समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल मंत्र का जिक्र किया।
इसके बाद अपने संघर्ष की कहानी बयां की। उन्होंने कहा कि मैं सभी नागरिकों को नमन करता हूं और विश्वास जताता हूं कि उनके भरोसे पर खरा उतरुंगा। उन्होंने कहा ‘मैं अब राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब दा की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं। अब हमें आजादी में मिले 70 साल पूरे हो रहे हैं, ये सदी भारत की ही सदी होगी।’
राष्ट्रपति कोविंद ने ये भी कहा ‘वर्ष 2022 में देश अपनी आजादी के 75 साल पूरा कर रहा है, हमें इसकी तैयारी करनी चाहिए। हमें तेजी से विकसित होने वाली मजबूत अर्थव्यवस्था, शिक्षित समाज का निर्माण करना होगा। इसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय ने की थी।’
कोविंद ने अपने पूरे संबोधन में देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणब मुखर्जी के अलावा महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय का ही नाम लिया। कांग्रेस ने इस बात पर नाराजगी जताई कि राष्ट्रपति ने पहले संबोधन में नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का नाम नहीं लिया।