रायपुर : कांग्रेस ने कहा है, आरएसएस द्वारा शिक्षाकर्मियों का आनुषांगिक संगठन बनाने जाने के विचार से जाहिर हो गया है कि भाजपा और संघ शिक्षाकर्मियों को महज वोट के लिए इस्तेमाल करते आए है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन ज्ञानेश शर्मा ने जारी बयान में कहा कि संघ शिक्षाकर्मियों की समस्याओं को समझने की बजाय उसे मोहरे की तरह प्रयोग करने की कोशिश कर रहा है।
सरकार के हर एक हिस्से में संघ से जुड़े लोगों को बिठाने के बाद अब संघ शिक्षाकर्मियों का आनुषांगिक संगठन बनाकर प्राइमरी से लेकर स्कूली शिक्षा का भी भगवाकरण करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी। शिक्षाकर्मियों का आंदोलन दमनात्मक रुप से खत्म होने से संघ को अगले साल होने वाले चुनाव में भाजपा को नुकसान की आशंका नजर आई इसीलिए ही शिक्षाकर्मियों को बुलाकर अपने साथ जोडऩे की कवायद की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि संघ अपने आप को शिक्षाकर्मियों का खैरख्वाह मानता है तो शिक्षाकर्मियों की हड़ताल का संघ ने समर्थन क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा कि यदि संघ वाकई में शिक्षाकर्मियों का शुभचिंतक है तो भाजपा के 2 संकल्प पत्रों में शिक्षाकर्मियों से किए गए वायदे को पूरा करने के लिए रमन सरकार पर दबाव क्यों नहीं डाला गया। शिक्षाकर्मियों से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के चुनाव पूर्व किए गए संविलियन के वादे को पूरा करने के लिए दबाव क्यों नहीं बनाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चुनाव पूर्व शिक्षाकर्मियों के धरना स्थल पर गए थे और संविलियन का वादा कर आए थे, लेकिन सरकार बनने के साथ ही स्वयं के इस वादे को भूल गए और अब तो शिक्षाकर्मियों की हड़ताल को दमनात्मक रुप से खत्म करवाने वाले मुख्यमंत्री के नाम से प्रसिद्ध हो रहे हैं।
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