पटना : कंस्ट्रक्शन लेबर यूनियन इंटक के द्वारा आयोजित व्यावसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा तथा कामगारों का अधिकार प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुये यूनियन के अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश सिंह ने कहा कि देश में करीब 8 करोड़ जबकि बिहार में करीब 70 लाख निर्माण श्रमिक हैं। बिहार सरकार ने मार्च, 2018 तक करीब तक करीब 16 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों का निबंधन कराने का लक्ष्य रखा था, जो अभी तक पुरा होना बाकी है।
श्री सिंह ने कहा कि निर्माण मजदूर दिन-रात बिना किसी समुचित सुविधा के नेशनल हाईवे, पुल-पुलिया, रेल, मेट्रो एवं सनिर्माण कार्यो के माध्यम से देश के विकास के लिए खुन-पसीना बहा रहे हैं। परन्तु इन मजदूरों को उक्त विकास का फल नही मिल पा रहा है। श्री सिंह ने आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा कि बिहार में वर्ष 2008 से कार्यरत निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड में अभी तक चिकित्सा के बारे में काम प्रारंभ नहीं किया गया है। निर्माण मजदूरों को 60 वर्ष के बाद मिलने वाला पेंशन पर भी अभी तक कोई प्रगति नही हो सका है। हॉलाकि इनके कल्याणकारी योजनाओं के लिए राज्य अथवा केन्द्र सरकार को कुछ भी अपने संसाधन अथवा बजट से नही देना है, फिर भी शेष से जमा लगभग 1100 करोड़ ग्यारह सौ करोड़ रूपये का उपयोग इनके कल्याण के लिए नही किया जा रहा है।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि निर्माण श्रमिकों के निबंधन आदि के कार्यो में निमयानुसार श्रमिक संघों के प्रतिनिधियों की भी भूमिका तय की गई है परन्तु सुनियोजित तरीके से श्रमिक संघों की भूमिका को धीरे-धीरे कम किया जा रहा है। सरकार के इस प्रयास का आने वाले समय में श्रमिक संघों द्वारा आन्दोलन के प्रथम चरण में प्रखंड स्तर पर इसके विरोध की तैयारी की जा रही है।
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