पटना : केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि संविधान रहते आरक्षण समाप्त नहीं हो सकता यह संवैधानिक अधिकार है। कांग्रेस भीमराव अम्बेदकर का कभी नाम लेना नहीं चाहती। निजी क्षेत्र में आरक्षण पर कांग्रेस का क्या नजरिया है उसे स्पष्ट करना चाहिए।
पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित कर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के समय से ही आरक्षण दिया जा रहा है। कोई भी सरकार आरक्षण समाप्त नहीं कर सकती। सबसे ज्यादा वही लोग हल्ला कर रहे हैं जो कभी इस लागू नहीं होना देना चाहते हैं। एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम मामले को लेकर जो आन्दोलन चला उसमें कांग्रेस-राजद के लोग शामिल होकर आन्दोलन को हिंसक रूप देने का काम किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि इसके प्रति मंशा क्या है? वह रिपटीशन दायर क्यों नहीं किया। प्रमोशन में आरक्षण के सवाल पर कांग्रेस की सरकार चुप क्यों रही। कांग्रेस का अम्बेदकर से पर्सनली दुश्मनी था कभी उन्हें चुनाव जीतने नहीं दिया। देशमें कांग्रेस ने 48 साल शासन किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के धारा 17 में अस्पृश्यता को समाप्त कर दिया गया, इसके बावजूद भी जाति के आधार पर भेदभाव जारी है। अनु. जाति एवं जनजाति के विरूद्ध किये जा रहे अपराधों को रोकने के लिए 1989 में एक विशेष कानून बनाया गया।
एनडीए सरकार ने 2015 के एक्ट में संशोधन किया जो 26 जनवरी, 2016 के प्रभाव से लागू हुआ है। संवाददाता सम्मेलन में पशु एवं मत्स्य मंत्री पशुपति नाथ पारस, छात्र लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रिंस राज, मीडिया प्रभारी अशरफ अंसारी,दिनेश पासवान, युवा लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरविन्द सिंह, उपेन्द्र यादव, श्रवण अग्रवाल, राजेन्द्र विश्वकर्मा, कुंदन पासवान, सौलत राही समेत अन्य उपस्थित थे।
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