नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री पर सवाल उठाकर उनकी छवि को कथित तौर पर धूमिल करने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि केवल पीड़ित व्यक्ति ही मानहानि की शिकायत दर्ज करा सकता है। योगेश भारद्वाज , रक्षपाल सिंह और इजहारुल हक ने अपनी याचिका में अदालत से दिल्ली पुलिस को प्रधानमंत्री की छवि को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने के लिए केजरीवाल , उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप नेताओं आशुतोष , राघव चड्ढा , आशीष खेतान और जितेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का आग्रह किया था। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने शिकायत खारिज करते हुए कहा , ‘‘ केवल पीड़ित व्यक्ति , जिसकी छवि धूमिल की गयी , ही मानहानि का मामला दर्ज करा सकता है। ’’
अदालत ने साथ ही इस बात का जिक्र भी किया कि शिकायतकर्ता ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे प्रतिवादियों के खिलाफ किस अपराध का आरोप लगा रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने याचिका में आरोप लगाया था कि प्रतिवादियों ने मई 2016 में संवाददाता सम्मेलनों , प्रिंट और सोशल मीडिया के जरिये फर्जी डिग्री को प्रधानमंत्री की डिग्री बताकर उनकी छवि को धूमिल किया। हालांकि दिल्ली विश्वविद्यालय ने 11 मई , 2016 को प्रधानमंत्री की डिग्री सार्वजनिक की। इससे आरोपियों के झूठे प्रचार का पर्दाफाश हो गया। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि उन्होंने पुलिस से संपर्क किया था , जिन्होंने आरोपियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया।
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