इंदौर : बीते दिनों साढ़े तीन महीने की मासूम से हुए दुष्कर्म के बाद हत्या मामले के आरोपी नवीन को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है।जज ने 7 दिन तक सात-सात घंटे इस केस को सुना और घटना के 21वें दिन सुनवाई पूरी होने के बाद 23वें दिन शनिवार को फैसला सुनाया। बता दें, बच्ची के साथ 20 अप्रैल की अलसुबह दुष्कर्म किया गया था।
अारोपी समाज में गैंगरीन रोग की तरह, ऐसे अपराधी को समाज से पृथक करना आवश्यक – अपर सत्र न्यायाधीशवर्षा शर्मा
– 51 पेज के फैसले में जज ने लिखा है कि आरोपी ने तीन महीने 4 दिन के अबोध बालिका (जो रोने और मुस्कुराने के अलावा कुछ नहीं जानती थी), के साथ बलात्कार के बाद विभत्सता और निर्ममतापूर्वक उसकी हत्या कर दी। यह एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे समाज के खिलाफ अपराध है। वर्तमान में इस तरह के बलात्कार और हत्या की घटनाएं बढ़ने के कारण महिलाएं और बच्चियां अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं और अपराधियों को उचित दंड ना मिलने के कारण उनके मन से दंड का भय समाप्त हो रहा है और इस तरह के अपराध बढ़ते जा रहे हैं। यदि ऐसे गंभीर सामाजिक अपराध करने वाले अपराधी को सिर्फ कारावास की सजा दी गई तो छूटने के बाद वह इस तरह का अपराध फिर से कर सकता है।
– आरोपी द्वारा किया गया अपराध जधन्य विभत्स और क्रूरतापूर्ण है। इसे देखते हुए अारोपी समाज में गैंगरीन रोग की तरह है, जिस ढंग से डॉक्टर इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को बचाने के लिए गैंगरीन से ग्रस्त हिस्से का ऑपरेशन कर उसे शरीर से अलग कर देता है, उसी तरह ऐसे अपराधी को समाज से पृथक करना आवश्यक है।
क्या हुआ कोर्ट में…
– आरोपी नवीन को पुलिस सुबह करीब 10.30 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच लेकर कोर्ट पहुंची। यहां उसके चेहरे पर जरा सी भी शिकन दिखाई नहीं दे ही थी। वह पुलिस वालों के साथ मुस्कुराते हुए बात कर रहा था।
– दोपहर 12 बजे उसे अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो एक्ट वर्षा शर्मा की कोर्ट में पेश किया गया।
– दोपहर 12.30 बजे जज ने आरोपी से कहा कि कोर्ट तुम्हें दोषी मानती है। तुमको कुछ कहना है।
– अारोपी बोला, ना मैंने बच्ची को उठाया, ना मैंने उसका रेप किया, ना मैंने उसे मारा, आपको जो सजा सुनानी हो सुना दो। बाहर मेरी मां और बहन आई हुई हैं, बस उनसे एक बार मिलवा दो।
– आरोपी के वकील ने कहा, नवीन आदतन अपराधी नहीं है। उसका पिछला कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है, इसलिए सजा में नरमी बरती जाना चाहिए। उसे रिहा किया जाना चाहिए।
– विशेष लोक अभियोजक- क्या उसके आदतन अपराधी होने का इंतजार किया जाए। आपराधिक रिकार्ड होने के बाद ही क्या फांसी दी जा सकती है। वह बच्ची इतनी मासूम थी कि रोने के सिवाए कुछ भी नहीं जानती थी। फांसी से कम सजा दी तो यह न्याय नहीं होगा।
– दोपहर 1.10 बजे कोर्ट ने अारोपी को धारा 376, 302 के तहत फांसी, पास्को एक्ट 5 और 6 में मरते दम तक उम्रकैद, धारा 363 और 366 में अारोपी को 5-5 साल की जेल और 5-5 हजार का जुर्माना सभी धाराओं में लगाया गया।
– सजा सुनाए जाने के दौरान आरोपी के चेहरे पर किसी भी प्रकार की शिकन नहीं दिखी। ज्यादातर समय वह सिर नीचे झुकाए कटघरे में खड़ा रहा। सजा सुनाए जाने के बाद वह थोड़ा असहज हुआ। इसके बाद पुलिस उसे लेकर रवाना हो गई।
मां बोली, मेरी आंख के सामने उसे फांसी हो
– मासूम की मां अपने पति और रिलेटिव के साथ सुबह ही कोर्ट आ गई थी। फैसले के पहले चर्चा में उसने कहा कि मेरी मासूम बच्ची का कोई कसूर नहीं था। उसकी हत्या करने वाले को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उस दरिंदे ने मेरी बच्ची को भयानक दर्द देकर मारा है। उसने मेरी बच्ची को मारा तो वह कैसे जिंदा रह सकता है। वह भी मौत का हकदार है। कोर्ट द्वारा आराेपी को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद उसने कहा कि कोर्ट ने सही फैसला दिया है। अब उसे मेरी आंख के सामने फांसी होनी चाहिए, तो मुझे तसल्ली हो जाएगी।
बच्ची की उम्र 3 माह 4 दिन
– सरकारी वकील मोहम्मद अकरम शेख ने बताया कि इसकी सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। बच्ची की उम्र 3 माह 4 दिन थी। आरोपी नवीन को कोर्ट रूम नंबर 55 में पेश किया गया। जहां जज ने उसे फांसी की सजा सुनाई।
अंतिम बहस के कुछ अंश…
– राज्य शासन द्वारा नियुक्त विशेष लोक अभियोजक मोहम्मद अकरम शेख ने अंतिम तर्क में कहा कि आरोपी नवीन उर्फ अजय गड़के की पत्नी रेखा मृत बच्ची के पिता की मौसी है। आरोपी ने पत्नी को छोड़ रखा है। आरोपी बच्ची की मां के पास आकर कहता था कि वह पत्नी से समझौता करवा दे। बच्ची की मां ने इसके लिए मना कर दिया था।
– 19 अप्रैल 2018 की रात में आरोपी शराब लेकर बच्ची की नानी को पिलाने पहुंचा था। मना करने पर आरोपी बोतल फेंककर चला गया था। 20 अप्रैल की तड़के चार बजे वह माता-पिता के पास सोई बच्ची को उठाकर श्रीनाथ पैलेस बिल्डिंग के तलघर में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में उसे ऊपर से फेंक दिया, जिससे बच्ची की मौत हो गई थी।
– विशेष लोक अभियोजक शेख ने कहा कि डीएनए रिपोर्ट में प्रमाणित हुआ है कि आरोपी के जब्त कपड़े, जूते व साइकिल पर जो खून पाया गया, वह बच्ची का था। ट्रायल में डाॅक्टरों ने बयान देकर प्रमाणित किया कि बच्ची पर लैंगिक हमला हुआ था। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी बच्ची को लेकर जाते दिखाई दिया। बच्ची की मां और आरोपी की पत्नी ने भी फुटेज में उसे देखकर पहचाना कि यही आरोपी है। शेख ने कोर्ट में कहा कि 29 गवाहों के बयान से प्रमाणित हुआ है कि यह घटना विरल से विरलतम (रेअर टू रेअरेस्ट) है।
आरोपी को लोगों ने कोर्ट बाहर फिर पीटा
– आरोपी नवीन को शनिवार को कोर्ट ने उम्रकैद और फांसी की सजा सुनाई। आरोपी को सजा सुनाए जाने के बाद जैसे ही पुलिस उसे लेकर कोर्ट से बाहर निकली। वहां मौजूद लोगों ने उसकी जमकर पिटाई कर दी। लोगों का आक्रोश देख पुलिस ने जैसे-तैसे उसे वहां से निकाला और जेल लेकर रवाना हो गई। बता दें कि घटना के बाद भी कोर्ट में लोगों ने अारोपी की जमकर पिटाई की थी।
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