मुरैना : पिछले कई दिनों से कर्फ्यू का शब्द सुनकर लोग भयभीत हो जाते हैं लोग अपनी दिनचर्या तो दूर उनका बाहर निकलना भी दुसबार हो गया था। लगातार 2 अप्रैल के बाद कर्फ्यू नहीं हटाया गया, कुछ समय के लिए प्रतिरोज ढील दी जाती रही। 10 अप्रैल के बंद के आव्हान को मद्दे नजर रखते हुए प्रशासन ने कर्फ्यू की स्थिति को और अधिक सख्ती दे दी। जिस कारण से बीते रोज लोगों की स्थिति काफी गंभीर हो गई।
स्टेशन से आने वाले जरूरतमंद लोगों को काफी मशक्कत झेलनी पड़ी। लेकिन यह बात प्रशासन के समझ में आई तो उन्होंने 11 अप्रैल बुधवार को प्रात: 6 बजे से रात 10 बजे तक कर्फ्यू में ढील दे दी। जिससे आम आदमी को काफी सुकुन मिला। दिन में बाजार खुले लोगों ने शादी विवाह की खरीद फरोक्त की और जरूरतमंद कार्यों को किया।
बैंक भी खुले रहे, लोगों ने लेनदेन किया तथा नेट रात 12 बजे से प्रारंभ कर दिया गया था, जिससे लोगों को मैसेज देने में कोई परेशानी नहीं आई। होटल, स्कूल, कॉलेज, शासकीय कार्यालय खुले रहे लोगों ने अपने कार्यों को सम्पन्न किया। दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहा। स्टेशन और बस स्टेण्ड पर यात्रियों की बसें ऑटो, टैम्पू, रिक्शा भी संचालित रहे। इन सामान हालातों में लोगों ने काफी राहत मेहसूस की।
वहीं कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार ने हाल ही में आदेश जारी कर बुधवार से ही कर्फ्यू समाप्त कर दिया है, लेकिन धारा 144 लागू रहेगी। वहीं जिले के अम्बाह, पोरसा, सबलगढ, कैलारस, जौरा में पूर्व से ही कर्फ्यू जैसे हालात नहीं थे और न ही यहां कर्फ्यू लगाया गया, बुधवार को भी जिले में स्थिति सामान्य रही। इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों ने यह निर्णय लिया कि आगामी आदेश तक निषेध आज्ञा जारी रहेगी।
सुकुन का माहौल प्रशासन की कामयाबीहम भी भयभीत थे, माहौल भी दहशतजदा था, 2 अप्रैल का दृश्य लोगों की आंखों में छाया था। प्रशासन पुर्नावृति को रोकने के लिए मजबूर था, इसलिए कर्फ्यू-कर्फ्यू पर सवार होकर शासन ने कानून का डण्डा जमकर चलाया। व्यवस्थाएं प्रभावित हुई लेकिन घटनाएं रूकीं।
प्रशासन की मुस्तैदी में कमीश्नर एमके अग्रवाल, आईजी संतोष कुमार, कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार, पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह के निर्णय काफी दिलचस्प रहे, हां इतना अवश्य लोग चर्चा में कहते रहे कि कभी 9 बजे, कभी 6 बजे समय का आदेश सदैव आगे पीछे होता रहा। लेकिन सुकुन का माहौल प्रशासन की कामयाबी है।
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