चेन्नई : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज साइबर आतंकवाद को एक और गंभीर आतंकवादी खतरा बताते हुए कहा कि इससे निपटने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में विशेष इकाई का गठन किया जाएगा। श्री सिंह ने कहा कि साइबर आतंकवाद से आज दुनिया के कई देश जूझ रहे हैं।
Terrorism is a big challenge for many nations, today. Our PM has raised the issue very strongly and effectively at international forums: HM pic.twitter.com/LGvaPXP2Vm
— ANI (@ANI) October 9, 2017
उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए सीआईएसएफ में विशेष इकाई का गठन किया जाएगा जो नियमित ऑडिट और क्षमता बढ़ाने का काम करेगी। श्री सिंह यहां से 75 किलोमीटर दूर अराक्कोनम में सीआईएसएफ प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षुओं की पासिंग आउट परेड के निरीक्षण के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सीआईएसएफ महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला पहला सुरक्षा बल बन जाएगा।
Our economy, standing at $ 2 trillion today, will likely be at $ 5 trillion by 2030: HM Rajnath Singh pic.twitter.com/WaMT87AJ2o
— ANI (@ANI) October 9, 2017
साइबर आतंकवाद की चर्चा करते हुए श्री सिंह ने कहा कि साइबर आतंकवादी महत्वपूर्ण संस्थानों, भवनों और प्रतिष्ठानों पर हमला करने के उद्देश्य से डिजिटल ट्रैक का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने सीआईएसएफ के आधुनिकीकरण पर बल देते हुए कहा कि इसे साइबर आतंकवाद की किसी भी घटना का सामना करने के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ में एक विशेष ङ्क्षवग होना चाहिए जो साइबर आतंकवाद से निपटने के लिए नियमित साइबर सुरक्षा ऑडिट क्षमताएं बढ़ाने में सक्षम हो।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इन ऑडिट रिपोर्टाें और नयी तकनीकों को अपनाकर सीआईएसएफ मुख्यालय को अपने सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करना चाहिए । उन्होंने कहा, ”सीआईएसएफ को सभी महत्वपूर्ण भवनों और प्रतिष्ठानों की नियमित रुप से सुरक्षा समीक्षा करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सीआईएसएफ को अपनी क्षमता को मजबूत चाहिए ताकि कोई भी आतंकवादी संगठन देश के सामरिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को अपना निशाना नहीं बना पाए।
उन्होंने सीआईएसएफ में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों में सबसे अधिक महिलायें सीआईएसएफ में है। उन्होंने कहा,”मुझे पूरा विश्वास है कि महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के लक्ष्य को हासिल करने वाला सीआईएसएफ देश का पहला सुरक्षा बल होगा।”
श्री सिंह ने कहा कि वैश्वीकरण और उदारीकरण में तेजी से वृद्धि के साथ सीआईएसएफ की भूमिका को और विविध तथा विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा,”सीआईएसएफ की भूमिका बहुआयामी और बेहद चुनौतीपूर्ण है। लेकिन चुनौतियों के बावजूद सीआईएसएफ के जवान और अधिकारी हर हाल में अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।” उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ ने अपनी स्थापना के 48 वर्षों की लंबी यात्रा के दौरान कईं कीर्तिमान स्थापित कर लिए हैं।
श्री सिंह ने कहा, ”प्रशिक्षण किसी भी बल का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ है और मुझे उम्मीद है कि यह प्रशिक्षण इन प्रशिक्षुओं को अपने कर्तव्यों का पालन करने में मदद करेगा।”