डेटा लीक : JDU ने 2010 में नहीं ली कोई मदद , केसी त्यागी की सफाई-बेटे का कैम्ब्रिज एनालिटिका से केवल काम का रिश्ता था - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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डेटा लीक : JDU ने 2010 में नहीं ली कोई मदद , केसी त्यागी की सफाई-बेटे का कैम्ब्रिज एनालिटिका से केवल काम का रिश्ता था

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केसी त्यागी ने सफाई के दौरान माना कि कैम्ब्रिज एनालिटिका और उनके बेटे की कंपनी के बीच रिश्ते थे। अमेरिका में फेसबुक डेटा लीक की खबरों ने भारत में भी राजनीतिक दलों के बीच बैचेनी बढ़ा दी है। कांग्रेस, बीजेपी और जेडीयू जैसे कई प्रमुख राजनीतिक दलों पर डेटा लीक करने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका की मदद लेने का आरोप लगा है। ये दल इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं और विरोधी दलों पर आरोप लगा रहे हैं।

ऐसी खबरें आ चुकी हैं कि ये कंपनी भारत में कई राजनीति दलों के लिए काम करती रही है. जेडीयू नेता केसी त्यागी के बेटे इस कंपनी की भारतीय पार्टनर कंपनी के बड़े अधिकारी हैं। केसी त्यागी के बेटे का नाम इस मामले में सामने आने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को केसी त्यागी को मिलने के लिए बुलाया था।केसी त्यागी ने कहा है क‍ि अगर उनका बेटा दोषी है तो उसे सजा जरूर म‍िले, साथ ही उन्होंने जांच की भी मांग की।

जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इस मामले पर सफाई दी है क‍ि कैम्ब्रि‍ज एनालिटिका से उनके बेटे की कंपनी का संबंध सि‍र्फ काम को लेकर था. दोनों कंपन‍ियों के बीच कोई व‍ित्त‍ीय लेन देन या शेयर होल्ड‍िंग बांटने जैसी कोई चीज नहीं हुई. वहीं, न ही इस कंपनी ने 2010 में जेडीयू के लिए चुनाव में काम क‍िया था। केसी त्यागी ने कहा क‍ि वे हर जांच के लि‍ए तैयार हैं। केसी त्यागी ने कहा कि वे इस मामले में आईटी मंत्री से जांच कराने की मांग करते हैं।

केसी त्यागी ने यह जरूर स्वीकार किया कि उनके बेटे ने पिछले अमेरि‍की राष्ट्रपति चुनाव में एलेक्जेंडर के साथ मिलकर काम किया था। हालांकि वे इसे गलत मानते हैं, लेकिन उनके बेटे ने सिर्फ एक प्रोफेशनल के तौर पर काम किया था और वहां मौजूद भारतीय लोगों का मूड जाना था। हालांकि इसके लिए उसने कोई वित्तीय मदद नहीं मिली थी. केसी त्यागी ने मांग की कि अगर उनके बेटे ने कुछ गलत किया है और यह बात जांच से साबित होती है तो उसे जो चाहे सजा दी जाए।

आपको बता दें कि भारत में कैम्ब्रि‍ज एनालिटिका की पैरेंट कंपनी स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशंस लेबारेटरीज ( SCL) एक स्थानीय कंपनी ओवलेनो बिजनेस इंटेलीजेंस (OBI) के साथ मिलकर काम करती है। इस कंपनी ने अपनी वेबसाइट में बताया है कि बीजेपी, कांग्रेस और जेडीयू उसके ग्राहकों में हैं।

केसी त्यागी ने यह भी कहा क‍ि कैम्ब्रि‍ज एनालिटिका के सीईओ से न उनकी और न नीतीश कुमार की मुलाकात हुई है।जेडीयू एक सामाजवादी पार्टी है और वह ऐसे कार्यों से दूर रहती है। हालांक‍ि केसी त्यागी ने स्वीकार क‍िया क‍ि प‍िछले व‍िधानसभा चुनाव में प्रशांत क‍िशोर की मदद ली गई थी। वहीं त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी की कंपनी ओबीआई ने बयान जारी किया है. ओबीआई का कहना है कि उनकी कंपनी ने चुनाव के दौरान जमीनी स्तर पर विभिन्न मीडिया कंपनियों के साथ मिलकर काम किया था। फेसबुक या सोशल मीडिया प्रमोशन से कंपनी का कोई जुड़ाव नहीं था।

हालांकि यह मामला सामने आने के बाद ओबीआई कैम्ब्रि‍ज एनालिटिका के साथ सारे संबंध खत्म करने जा रही है। कंपनी की ओर से वाइस प्रेजिडेंट हिमांशु शर्मा ने यह भी कहा कि हालांकि अब तक फेसबुक या विशल ब्लोअर की तरफ से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है कि भारत में भी डेटा लीक हुआ है।

OBI के मालिक जनता दल यू नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी हैं. ऐसे में नीतीश कुमार ने इस संबंध में केसी त्यागी से बात की।सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने कैम्ब्रि‍ज एनालिटिका मसले पर सामने आए मीडि‍या रि‍पोर्टों पर केसी त्यागी से सफाई मांगी। इससे पहले केसी त्यागी ने अपने बयान में कहा था कि ओबीआई ने सोशल मीडिया या डिजिटल मीडिया का कोई काम नहीं किया है और वह राजनीतिक दलों के साथ जमीन पर काम करती है।

उन्होंने कहा कि उनका फर्म किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि में शामिल नहीं रहा है। आपको बता दें कि अमेरिका में फेसबुक डेटा लीक की खबरों के बीच भारत के लिए भी चिंता की कई बातें सामने आ रही हैं. इस डेटा लीक केस में लिप्त मानी जा रही ब्रिटेन की कंपनी कैम्ब्रि‍ज एनालिटिका के क्लाइंट्स में भारत में भी हैं। चौंकाने वाली खबर तो यह भी आ रही है कि एनालिटिका विरोधि‍यों की छवि खराब करने के लिए हनीट्रैप और घूसखोरी तक का सहारा लेती है।

ऐसा माना जाता है कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद बिहार एवं यूपी के विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर डेटा एनालिसिस का इस्तेमाल किया गया. अगले चुनावों में भी पार्टियां रणनीति बनाने के लिए बड़े पैमाने पर ऐसे डेटा एनालिसिस पर निर्भर रहेंगी. ऐसे में भारत में भी फेसुबक या अन्य सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों के निजी डेटा के लीक होने को लेकर चिंता बढ़ गई है।

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