गुरुवार को 20 हजार करोड़ के फर्जी स्टांप पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी की मौत हो गई। मौत की वजह मल्टीपल ऑर्गन फैल्योर बताई जा रही है। तेलगी को 2001 में अजमेर से गिरफ्तार किया गया था। तब से वो जेल में था। उसे डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। कोर्ट ने उसे फर्जी स्टांप पेपर घोटाले में 30 साल की सजा सुनाई थी। वो बेंगलुरु के पाराप्पाना अग्रहारा सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। कई दिनों से तेलगी वेंटिलेटर पर था। जांच के दौरान, एजेंसियों को 18 शहरों में तेलगी के 123 बैंक अकाउंट्स का पता चला था।
वहीं, बृहस्पतिवार सुबह तेलगी के वकील एमटी नानैया ने कहा था कि वह जिंदा हैं, लेकिन उनकी हालत गंभीर है। उसे विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वह आईसीयू में हैं और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। वह मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित हैं।’’ उन्होंने बताया कि तेलगी को चार दिन पहले अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
बताते हैं कि जेल में ही उसकी मुलाकात राम रतन सोनी से हुई। सोनी ने कथित रूप से उसे स्टांप बेचना बेचने के बारे में बताया। लंबे समय तक शेयर लेन-देन में तेलगी के फर्जी स्टांप का इस्तेमाल किया गया। तेलगी का फर्जीवाड़ा जब चरम पर था, उस समय उसने 350 एजेंट रखे थे, जो थोक खरीदारों को स्टांप बेचते थे।
बता दें, स्टांप पेपर घोटाले में कर्नाटक एसआईटी ने जिन 60 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें तेलगी मुख्य आरोपी था। जनवरी 2006 में उसे 30 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। एक साल बाद ही इस घोटाले के एक अन्य मामले में उसे 13 साल की सजा दी गई। तेलगी को 16 अक्टूबर को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई।