नई दिल्ली: पैसों के अभाव में तीर्थ यात्रा न कर पाने वाले बुजुर्गों को दिल्ली सरकार ने मुफ्त तीर्थ यात्रा करवाने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार अगले वित्त वर्ष से करीब 77 हजार बुजुर्गों को पांच जगहों पर तीर्थ यात्रा के लिए भेजेंगी। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा करवाने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया है।
प्रस्ताव के तहत बुजुर्गों को तीन दिन और दो रात की यात्रा करवाएंगी। यह यात्रा मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा-आनंदपुर साहिब, वैष्णो देवी-जम्मू हैं। इन पांचों रूटों पर तीर्थ यात्रा के लिए एक-एक एसी बसें चलाई जाएगी। इस दौरान यात्रियों के रहने का खर्च, भोजन सहित अन्य खर्च भी सरकार उठाएगी। इसके अलावा सभी यात्रियों का दो-दो लाख रुपये का बीमा भी करवाया जाएगा।
ऐसे होगा चयन… तीर्थ यात्रा पर जाने की इच्छा रखने वाला कोई भी दिल्ली का बुजुर्ग योजना के तहत आवेदन कर सकता है। आवेदन के दौरान उसे दिल्ली का नागरिक होने का प्रमाण पत्र व आयु प्रमाण पत्र दिखाना होगा। इस संबंध में दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चयन को लेकर अभी शर्तों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है। संभावना है कि इसमें कम से कम तीन साल दिल्ली में रहने की शर्त जरूर लगाई जाएगी। इसके अलावा एक व्यक्ति एक ही रूट पर यात्रा कर सकता है। उसे तय करना होगा कि वह कहां घूमने जाना पंसद करता है।
हर विधानसभा से 1100 का चयन….दिल्ली के सभी 70 विधानसभा से 1100 बुजुुर्गों का चयन किया जाएगा। योजना के तहत बुजुर्ग जल्द ही ऑनलाइन व ऑफ लाइन माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी ने बताया कि बुजुर्गों के चयन के दौरान नियमों के तहत जांच होगी।
अगस्त तक मिलेगी एक हजार बसें….दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार कलस्टर बस सेवा के तहत अगस्त तक एक हजार बसों को सड़कों पर उतारेगी। इन बसों को खरीदने संबंधित टेंडर प्रक्रिया को दिल्ली कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में एक हजार नई बसों को कलस्टर के तहत खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
डीटीसी की भी आएंगी बसें…कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली में 10 हजार से अधिक बसों की जरूरत हैं और इस जरूरत को पूरा करने के लिए डीटीसी के तहत भी बसों को लाया जाएगा। साथ ही मेट्रो को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीटीसी की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
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