नई दिल्ली: जीवित नवजात को मृत बताने के मामले में सफदरजंग अस्पताल पर भी मैक्स शालीमार बाग जैसी कार्रवाई हो सकती है। मैक्स की ही तरह सफदरजंग मामले पर भी दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) में सुनवाई चल रही है जो अब अपने आखिरी चरण में है। उम्मीद की जा रही है कि अगले एक दो महीने में इस मामले में जांच पूरी हो जाएगी। जिसके बाद इस पर मैक्स शालीमार बाग जैसी कार्रवाई की जा सकती है।
डीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग मामले मे एक्जीक्यूटिव कमेटी की जांच पूरी हो चुकी है। अब इस मामले में अनुशासन समिति का गठन किया जाना है। इस समिति में आम तौर पर छह सदस्य होते हैं। जिसमें चेयरमैन, एमएलए, प्रख्यात नागरिक, कानून विशेषज्ञ और डीएमए का सदस्य व विशेषज्ञ होते हैं। इस समिति की रिपोर्ट को ही अंतिम माना जाता है। अधिकारी का कहना है कि जल्द ही समिति का गठन कर दिया जाएगा।
बता दें कि बीते वर्ष 18 जून को सफदरजंग अस्पताल में भी एक जीवित नवजात शिशु को मृत घोषित कर दिया था। शिशु के पिता रोहित के अनुसार डॉक्टर और नर्सिंग कर्मचारियों ने बच्चे को मृत घोषित कर शव को एक पैक में बंद कर उस पर मुहर लगा दी और अंतिम संस्कार के लिए उन्हें थमा दिया। इस घटना के बाद से शिशु की मां की हालत बेहद खराब बताई जा रही थी। रोहित के मुताबिक, जब घर पर अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं। इसी बीच उसकी बहन को पैक में कुछ हरकत महसूस की और जब उसे खोला तो बच्चे की धड़कन चल रही थी और वह हाथ पैर चला रहा था। इसके बाद अस्पताल में जब हंगामा हुआ तो पीड़ित की शिकायत पर अस्पताल ने भी जांच के आदेश दे दिए थे। हालांकि करीब सात महीने बाद भी इस केस में अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
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