नई दिल्ली : योग गुरु और स्वदेशी के ब्रांड एंबेसडर के तौर पर मशहूर स्वामी रामदेव की सफलता के बारे में सभी जानते हैं। लेकिन रामदेव के योग गुरु बनने से पहले की कहनी आप जानते हैं क्या? नहीं तो, निराश होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अब आप इसे अपने सबसे पसंदीदा माध्यम टीवी पर सोमवार से शुक्रवार तक देख सकते हैं। मशहूर फिल्म अभीनेता अजय देवगन के प्रोडक्शन हाउस ने स्वामी रामदेव के जीवन पर सीरियल बनाया है जो आने वाले 12 फरवरी से डिस्कवरी जीत चैनल पर शाम को साढ़े आठ बजे से यह प्रसारित होगा।
सलमान का भांजा बना बाल रामदेव
फिल्म ‘जय हो’ में सलमान खान के भांजे में का किरदार निभा चुके नमन जैन इस सीरियल में रामदेव के बचपन का किरदार निभा रहे हैं। इससे पहले वह जय हो के अलावा चिल्लर पार्टी, हवाईजादे और बांबे टॉकिज में भी काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि बाल रामदेव का किरदार निभाने की वजह से उन्हें संस्कृत के अलावा हरियाणवी भी बोलनी पड़ी है और योग व तलवार बाजी भी सीखनी पड़ी है। उनका कहना है कि यह काफी मुश्किल था। इसके लिए स्वयं स्वामी ने उन्हें कई टिप्स दिए हैं।
बचपन से ही संन्यासी बनने की थी ख्वाहिश…
स्वामी रामदेव का कहना है कि समाज के अलावा अपने परिवार मे ही उपेक्षित होने की वजह से बचपन से ही उनके मन में संन्यासी बनने की चाह घर कर गई थी। वहीं दस वर्ष की उम्र में महर्षि दयानंद के सत्यार्थ प्रकाश को पढ़ कर उनका निश्चय और दृढ़ हो गया। वह बताते हैं कि 20 वर्ष की आयु में वह तप करने गंगोत्री चले गए थे, लेकिन वहां किसी ने उन्हें यह कहकर छोड़ दिया कि कुछ नहीं कर सकते। यह बात उन्हें इतना झकझोर गई कि वह कुछ कर गुजरने के ख्याल से वहां से निकल पड़े।
तीन सौ में मिला एक रामदेव…
डिस्कवरी कम्युनिकेशंस इंडिया (दक्षिण एशिया) के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट करण बजाज का कहना है कि स्वामी पर सीरियल बनाने से पहले करीब एक साल तक उन्होंने काफी रिसर्च किया है। इस रिसर्च में स्वामी से मिली जानकारियों के अलावा भी कई जगहों और कई लोगों से जानकारियां जुटाई गई हैं। रिसर्च और स्क्रिप्टिंग के बाद उनके लिए सबसे मुश्किल ऐसे कलाकार ढूंढने थे जो न सिर्फ स्वामी की तरह दिखें, बल्कि उनकी तरह योग भी कर सकें और संस्कृत भी बोल सकें। ऐसे कलाकार ढूंढने के लिए उन्होंने कम से कम दो से तीन सौ कलाकारों के ऑडिशन लिए गए थे।
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