नई दिल्ली : केजरीवाल सरकार द्वारा घोषित दिल्ली के बजट को भाजपा ने आंकड़ों की बाजीगरी का खेल बताया है। भाजपा का कहना है कि सरकार ने बिना संवैधानिक स्वीकृति लिए योजनाओं की घोषणाएं की हैं जिनके चलते दिल्ली की जनता के हिस्से में केवल निराशा ही हाथ आएगी। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि यह बजट प्रदूषण कम करने से लेकर राशन वितरण के लिए निजी कम्पनियों से सांठगांठ का बजट है। ऐसा लगता है कि केजरीवाल सरकार अब निजी कम्पनियों से किक-बैक का खेल खेलने की तैयारी में। सरकार ने बजट को ग्रीन बजट कहने का प्रयास किया है पर इस किक बैक के खेल को देख कर लगता है कि यह रेड बजट है।
मनोज तिवारी ने कहा है कि आज दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री को विधानसभा में बजट पेश करते देख ऐसा लग रहा था कि मानो बजट नहीं पढ़ रहे उपराज्यपाल पर राजनीतिक टीका-टिप्पणी कर रहे हों, जो इस सरकार की अराजक कार्य प्रणाली का प्रमाण है। ऐसी ही बातों के लिए इस सरकार को बार-बार राजनीतिक माफी मांगनी पड़ रही हैं। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है बजट में जीएसटी के लाभ गिनवाए गए। लेकिन यही वह सरकार है जिसके मुखिया अरविन्द केजरीवाल लगातार जीएसटी को व्यापारियों की बर्बादी का कारण बताते रहे हैं।
तिवारी ने कहा है कि अपने बजट में एक बार फिर सरकार ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर बड़े-बड़े दावे किये हैं पर छोटे-छोटे सवालों के उत्तर देने में यह सरकार विफल है कि यदि शिक्षा में इतना सुधार हो रहा है जितना सरकार बजट में दावे कर रही है तो दिल्ली सरकार के स्कूलों में लगातार छात्रों की संख्या क्यों घट रही है ? इसी तरह सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 1000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने के सरकारी दावों की पोल वित्त मंत्री ने यह स्वीकार कर स्वयं खोल दी कि आज तीन साल बाद भी सरकार ने दिल्ली में केवल 164 मोहल्ला क्लीनिक खोले हैं। सरकार ने पुनः शिक्षा एवं स्वास्थ्य के बजट में वृद्धि के दावे किये हैं पर दिल्ली की जनता यह जानना चाहती है कि गत वर्षों के इन दोनों मदों के बजट लेप्स क्यों हुये हैं ? केजरीवाल सरकार का यह बजट अनधिकृत कॉलोनियों के लोगों के लिए एक छलावा है।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।