नई दिल्ली : राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद के नाम पर विपक्षी खेमों से समर्थन की मांग के बीच अब नई खबर आ रही है। सूत्रों के राष्ट्रपति पद के लिए कांग्रेस की पहली पसंद हरित क्रांति के जनक एम.एस. स्वामीनाथन हैं। राजनीतिक गलियारों में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम भी लिया जा रहा है। दरअसल, बीजेपी के दलित कार्ड के सामने कांग्रेस किसान कार्ड खेलना चाहती है। बताया जा रहा है कि बाकी विपक्षी दलों से चर्चा के बाद कांग्रेस जल्द ही स्वामीनाथन से संपर्क करेगी।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस किसी राजनेता के बजाय प्रतिष्ठित और सम्मानित चेहरे को राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में पेश करना चाहती है। साथ ही कांग्रेस को स्वामीनाथन के नाम पर शिवसेना का साथ मिलने की भी आस है। ऐसे में बीजेपी-शिवसेना के बीच चल रही तल्खी को भी भविष्य में भुनाने की कोशिश की जा सकती है। स्वामीनाथन के बाद कांग्रेस की दूसरी पसंद गोपाल कृष्ण गांधी हैं। कांग्रेस का मानना है कि जैसे प्रतिभा सिंह पाटिल के खिलाफ बीजेपी भैंरो सिंह शेखावत को लड़ाकर महिला विरोधी नहीं हुई, वैसे ही दलित कोविंद के खिलाफ किसी अन्य को लड़ाने से वो दलित विरोधी नहीं हो जाएगी।
जानकारी ये भी है कि विपक्षी खेमों की सहमति हुई तो दलित नेत्री मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। हालांकि, किसी भी नाम पर कांग्रेस अकेले फैसला नहीं लेगी। बाकी तमाम गैर-एनडीए दलों के साथ बातचीत के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस मानती है कि अंकगणित पूरी तरह बीजेपी उम्मीदवार के हक में है, इसलिए विपक्ष का उम्मीदवार विचारधारा का प्रतीक मात्र होगा और विपक्षी एकता 2019 के आम चुनाव में काम आएगी। कांग्रेस को ये भी आशंका है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रामनाथ कोविंद का समर्थन कर सकते हैं, क्योंकि कोविंद फिलहाल बिहार के राज्यपाल हैं।
हालांकि, पार्टी ये मानती है कि वो सिर्फ लालू यादव पर चेक रखने के लिए और बिहार के राज्यपाल होने के चलते ही समर्थन कर सकते हैं। कांग्रेस को विश्वास है कि नीतीश एनडीए का समर्थन नहीं करेंगे। अगर रामनाथ कोविंद के सामने कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल अपना संयुक्त उम्मीदवार उतार भी देते हैं, तो जीत मुमकिन नहीं है। इससे विपक्ष की किरकिरी जरूर हो सकती है। ऐसे में कांग्रेस शिवसेना को एनडीए से इस चुनाव में तोडऩे के लिए स्वामीनाथन का नाम लाना चाहती है। बता दें कि शिवसेना ने ही सबसे पहले स्वामीनाथन का नाम सुझाया था।