नयी दिल्ली : एनजीटी के दिल्ली में 10 से 15 साल पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अन्य राज्यों में उन जिलों की पहचान की है, जिनको राज्य 10 से 15 साल पुराने डीजल वाहनों की बिक्री के लिये अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं करेगा।
एनजीटी ने लगाया था डीजल वाहनों पर प्रतिबंध
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। एनजीटी ने दिल्ली के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को यह निर्देश दिया था कि ऐसे वाहनों की फिर से बिक्री के लिये एनओसी उन्हीं जिलों के लिये जारी किये जाएं जिनकी पहचान संबंधित राज्यों ने की हो। किसी राज्य से दूसरे राज्य के मालिक को वाहन बेचते वक्त पंजीकरण अधिकारियों से एनओसी आवश्यक होता है।
परिवहन विभाग के आदेश में कहा गया है कि राजस्थान के किसी जिले में 15 साल से अधिक पुराने वाहन के लिये एनओसी जारी नहीं किया जायेगा लेकिन 10-15 साल के बीच के वाहनों के लिये एनओसी जारी किया जा सकता है। बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के संदर्भ में विभाग ने इन राज्यों के उन जिलों की सूची दी है, जहां पुराने डीजल वाहनों के लिये एनओसी जारी की जा सकती है। बिहार के केवल 18 जिलों के लिये एनओसी जारी किया जायेगा। पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर और समस्तीपुर सहित शेष सभी जिलों में पुराने डीजल वाहनों की बिक््रऊी के लिये एनओसी जारी नहीं किया जायेगा।
महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नागपुर, कोल्हापुर, नासिक और शोलापुर सहित 26 नगर निगमों के लिये पंजीकरण अधिकारी 10 से 15 साल पुराने डीजल वाहनों की बिक्री के लिये एनओसी जारी नहीं करेंगे। आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से केवल 33 के लिये ही एनओसी जारी किया जा सकता है।
इसके अनुसार, पश्चिम बंगाल में कोलकाता के अंदर केवल बीएस-चार वाहनों को ही पंजीकरण की अनुमति दी जा सकती है जबकि राज्य के अन्य हिस्सों में केवल बीएस तीन और बीएस चार वाहनों को पंजीकरण की अनुमति दी जा सकती है।