आप पार्टी के 20 विधायकों की अयोग्यता के मामले में चुनाव आयोग (EC) ने दिल्ली हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। EC ने हलफनामे में कहा है कि आप विधायकों की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, इसे जु्र्माने के साथ खारिज किया जाए। वहीं, हाईकोर्ट पहले ही कह चुका है कि फिलहाल अंतरिम आदेश लागू रहेगा जिसमें चुनाव आयोग को उपचुनाव के लिए कदम न उठाने को कहा गया है।
7 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है। अयोग्य करार विधायकों की याचिका गलत समझ वाली है। याचिका में राष्ट्रपति के फैसले या कानून मंत्रालय के नोटिफिकेशन को नहीं, बल्कि चुनाव आयोग की सिफारिश को चुनौती दी गई है। AAP की याचिका पर EC ने कहा की राष्ट्रपति अपने संवैधानिक अधिकार के तहत फैसला दे चुके हैं और मंत्रालय नोटिफिकेशन जारी कर चुका है। कानून के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सिफारिश से अलग नहीं जा सकते।
राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत दिल्ली की सरकार के लिए एक्ट के तहत यह फैसला लिया है। अयोग्य करार विधायकों की दलील सही नहीं है कि ये प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है, क्योंकि उन्हें मौखिक सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। कानून में ये जनादेश नहीं है कि मौखिक सुनवाई अनिवार्य है। चुनाव आयोग की सुनवाई में खुद इन विधायकों ने ही कहा था कि आयोग सुनवाई न करे क्योंकि मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है।
बता दें कि पिछले महीने ही चुनाव आयोग ने संसदीय सचिव बनाए गए AAP के 20 विधायकों को आयोग्य करार दिया है। चुनाव आयोग की संस्तुति पर राष्ट्रपति ने भी मुहर लगा दी है, लेकिन 20 में से 8 विधायक फैसले खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे हैं। पिछले महीने की 30 जनवरी को अयोग्य करार AAP के आठ विधायकों की याचिका पर सुनवाई के दौरानदिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील अमित शर्मा को हलफनामे के जरिए सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा था।
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