राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि तिहाड़ जेल में उन्हें भरपेट भोजन नहीं मिलता है। शहाबुद्दीन ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है है कि उन्हें तिहाड़ जेल कैंटीन की सुविधा और विशेष तौर पर अंडा और दूध से भी वंचित किया गया है।
हालांकि, जेल में रखे जाने के दौरान डॉक्टर ने इन चीजों को खाने को कहा था। याचिका में कहा गया है, ‘इस तरह आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित किए जाने से याचिकाकर्ता के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा है। तिहाड़ लाए जाने के बाद से उनका वजन 15 किलोग्राम घटा है। ऐसा उन्हें दिए जाने वाले अस्वास्थ्यकर आहार की वजह से हुआ है’। याचिका में कहा गया है कि यह कार्रवाई साफ तौर पर स्थापित करती है कि अधिकारी उन्हें जानबूझकर प्रताड़ित करने का प्रयास कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट पिछले साल 15 फरवरी को 45 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार के सीवान जेल से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था। 3 बेटे गंवा चुके चंद्रकेश्वर प्रसाद और आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राजद नेता को तिहाड़ जेल में रखने का आग्रह किया था।
फिलहाल राजद के बाहुबली नेता ने अपनी याचिका में न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति पी एस तेजी की पीठ से अधिकारियों को यह निर्देश देने को कहा कि शहाबुद्दीन को उच्च न्यायालय के सामने पेश किया जाए। शहाबुद्दीन फिलहाल तिहाड़ की जेल संख्या दो में रखे गए हैं। याचिका में उनकी सुरक्षा के लिए उपयुक्त आदेश की भी मांग की गई है।
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