हैदराबाद में 11 साल पहले प्रसिद्ध मक्का मस्जिद में हुए शक्तिशाली पाइप बम धमाके मामले में आज फैसला सुनाया है। फैसले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। 18 मई 2007 को यानी जुमे की नमाज के दिन मुस्लिम समाज के इस प्रसिद्ध इबादतगाह में हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा विस्फोट में 58 लोग घायल भी हुए थे। इस मामले में स्वामी असीमानंद समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था।
एनआईए मामलों की चतुर्थ अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र सह विशेष अदालत ने सुनवाई पूरी कर ली है और आज फैसला सुनाया जाएगा। जिन 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट बनाई गई थी उसमें से स्वामी असीमानंद और भारत मोहनलाल रत्नेश्वर उर्फ भरत भाई जमानत पर बाहर हैं और तीन लोग जेल में बंद हैं। मक्का मस्जिद मामले में सीबीआई ने सबसे पहले 2010 में आसीमानंद को गिफ्तार किया था लेकिन 2017 में उन्हें जमानत मिल गई थी।
इस केस के एक आरोपी सुनील जोशी की जांच के दौरान कर दी गई थी और दो और आरोपियों संदीप वी डांगे, रामचंद्र कलसंग्रा के बारे में मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया है कि उनकी भी हत्या कर दी गई है। गौरतलब है कि 18 मई 2007 को दोपहर 1 के आसपास मस्जिद में धामाका हुआ था जिसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे, बाद में इन चारों की भी मौत हो गई। बाद में इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था लेकिन फिर यह मामला NIA के पास चला गया।
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