देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर मनमुटाव का मामला सामने आया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के मास्टर ऑफ रोस्टर के मुद्दे पर दायर की गई शांति भूषण की याचिका पर जस्टिस चेलामेश्वर ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने विभिन्न पीठों को मामले आवंटित करने पर दिशा – निर्देश तय किए जाने की पूर्व कानून मंत्री की अपील को सूचीबद्ध करने का आदेश देने में असमर्थता जताई। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा की कोई लगातार मेरे खिलाफ अभियान चला रहा है जैसे मानो मुझे कुछ हासिल करना है।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा कि वह नहीं चाहते कि अगले 24 घंटे में उनके आदेश को फिर से पलटा जाए। यह देश अपना रास्ता खुद तय करेगा लेकिन मैं इस जनहित याचिका की सुनवाई नहीं कर सकता , इसके लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं। अधिवक्ता प्रशांत भूषण के यह कहने पर कि उनके पिता शांति भूषण की जनहित याचिका सूचीबद्ध नहीं की गई , उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने यह टिप्पणी की।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर द्वारा इस मामले को सूचीबद्ध करने से इनकार करने के बाद प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका का उल्लेख प्रधान न्यायाधीश के समक्ष किया। मामलों के आवंटन संबंधी दिशा – निर्देश बनाने की मांग वाली याचिका को सूचीबद्ध नहीं करने की अधिवक्ता प्रशांत भूषण की शिकायत पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले पर गौर करेंगे।
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