मोदी सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए। अगर इन तीन सालों में पीएम मोदी के सपनोंं को सबसे ज्यादा साकार करने का काम किया तो वह केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर है। खादी से लेकर लघु उद्योग तक बढ़ाने में एमएसएमई ने पुरजोर लगा दिया। केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्रा द्वारा तीन साल के कामकाज में 11 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाने की बात कही जा रही है। कलराज मिश्र का कहना है किसरकार गरीबों के लिए समर्पित है और उसी आधार पर गरीबों के लिए योजनाएं बनाईं। सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग, मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। साथ ही छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना प्राथमिकता को शुरू किया गया। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल बनाया गया और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान बनाया गया। सरकार ने अपने कार्यकाल में ऑनलाइन से सेल्फ सर्टिफिकेशन पर जोर दिया है। 1 साल में 32 लाख लोगों का सेल्फ सर्टिफिकेशन दिया गया है। घटते रोजगार पर बात करते हुए एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र का कहना है कि ‘इज ऑफ डुईंग’ बिजनेस से रोजगार बढ़ेगा। इसके तहत ग्रामीण उद्योगों और खादी को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है ताकि रोजगार को बढ़ा जा सकें। कलराज मिश्र जितना अपने मंत्रालय के कामकाज के प्रति गंभीर हैं। उतनी ही पकड़ वह राजनीति में भी रखते हैं। उन्होंने कहा कि देश में जनता का विश्वास मोदी जी पर बढ़ा है। जनता को लगा है कि पिछली सरकार सिर्फ धोखा देती रही हैं। भाजपा ही विश्वसनियता वाली पार्टी है। ये आमतौर पर लोगों के बीच धारणा बनी है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर भी हमलावर हुए कहा कि कांग्रेस केन्द्र की योनजाओं को चैलेंज करके दिखाएं। केन्द्र से लेकर यूपी, कश्मीर के मुद्दे केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र की पंजाब केसरी के सतेन्द्र त्रिपाठी और सुरेन्द्र पंडित के साथ खरी-खरी…
> मोदी सरकार को तीन साल हो गए हैं, अगर एमएसएमई मंत्रालय के पांच सबसे बड़े काम क्या हुए?
देखिए, जब तीन साल पहले यह सरकार बनी तो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि जब भी कोई कपड़ा खरीदने जाएं तो एक जोड़ी खादी का कपड़ा भी खरीदें। इसका देश के लोगों के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा और खादी की बिक्री पर बहुत असर पड़ा। लोगों की ऐसी भी शिकायतें कि रजिस्ट्रेशन आदि में दिक्कतें आती है। मोदी जी ने देश में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की बात की है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा युवा स्वरोजगार के लिए आगे आएं। ऐसा माहौल देश में तैयार किया गया है। इस बात को ध्यान में रख कर दो बाद पर ध्यान दिया। एक तो वो जो रजिस्ट्रेशन में परेशानी आती थी। उसकी प्रक्रिया सरलीकृत बनाया।
एनपीए के लिए करेक्टिव एक्शन प्लान कमेटी…
दूसरी तरफ एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) यानी गैर-निष्पादित संपत्तियों को रोकने के लिए सरकार ने एक नया फ्रेम तैयार किया। जिसके तहत अगर कोई एमएसएमई कारोबारी को लगता है कि उसका घाटा लगतार बढ़ रहा है और बैंक का कर्ज उतारने में दिक्कत आ रही है तो वह बैंक को इस पर विचार करने के लिए कह सकता है। इसमें अगर 10 लाख तक का कर्ज है तो उस पर शाखा प्रबंधक विचार करेगा। अगर उससे ज्यादा है तो ‘करेक्टिव एक्शन प्लान कमेटी’ इस पर विचार करेगी। इसमें केन्द्र और प्रदेश के उद्योग विभाग के अलावा बैंक और उद्योग के प्रतिनिधि होंगे। उद्योग चलाने में असमर्थता बताते और उद्योग चलने में मुश्किल संबंधी बैंक की रिपोर्ट आने पर इकाइयों को एनपीए घोषित करने के बजाय कमेटी निर्णय लेगी। जानबूझ कर अपने को बीमार बताने वाले उद्यमियों को दंडित और वास्तविक बीमार को सहायता दी जाएगी। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ यानी उद्योगों के संचालन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने की नीति से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योग आगे बढ़ेंगे।
बेरोजगार से स्व-रोजगार तक की यात्रा…
हमने ‘बेरोजगार से स्वरोजगार यात्रा’ का नारा दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए आरएसईटीआई (रूरल सेल्फ इम्प्लायमेंट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) खोले जा रहे हैं ताकि वहां से युवा प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार कर सकें। शहरों में तो पहले से ही आईटीआई और पॉलीटेक्निक हैं। स्वरोजगार लगाने में सब्सिडी देने की योजना भी है। साल भर में करीब 48 हजार इकाइयां लगी हैं। उन्होंने कहा कि दोषमुक्त, गुणवत्तायुक्त उत्पाद के लिए स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए प्रमुख 652 जिलों की स्किल मैपिंग हो चुकी है जिसमें वहां के तकनीकी संस्थान, बेरोजगार युवा और औद्योगिक इकाइयों आदि की पूरी जानकारी है।
सरकारी योजनाओं का मोबाइल एप…
केन्द्र सरकार ने सभी योजनाओं का एक मोबाइल एप तैयार किया है। इस पर सरकार ने अपनी सभी योनजाएं को विस्तार से बताया है। इसका लाभ युवा उठा सकते हैं। इसके अलावा इसके लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई) स्कीम के तहत देना बैंक से कारोबारियों को एक करोड़ रुपए तक के लोन बिना किसी कोलेटरल सिक्योरिटी के मिलेंगे। इसकी लिमिट एक करोड़ से बढ़ा कर दो करोड़ भी की गई है।
11 लाख लोगों को रोजगार दिया…
पिछले तीन साल के दौरान प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत 1,45,420 इकाइयों की स्थापना की गई जिसके द्वारा 10,87,644 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 4,06,780 लोगों के लिये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये 52,912 इकाइयों की स्थापना की गई है और मार्जिन मनी के रूप में 1280.91 करोड रुपये का उपयोग किया गया है। खादी ग्रामोद्योग के लिए संशोधित विपणन विकास सहायता (एमएमडीए) योजना के तहत 315 करोड़ रुपये वर्ष 2016-17 के दौरान प्रदान किए गए। इससे खादी का उत्पादन वर्ष 2016-17 में बढकर 1600 करोड़ रुपए के उच्चतम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है, जिससे 11 लाख से अधिक व्यक्तियों के लिये रोजगार सृजित हुये हैं। खादी बिक्री 2005 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। 31 मार्च 2017 के अनुसार 1931 खादी संस्थाओं ने आधार लिंकेज के साथ वेब पोर्टल पर 309154 कारीगरों को पंजीकृत किये जाने के साथ एमएमडीए का दावा किया है। 2016-17 के दौरान 133 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार सृजित करते हुए ग्रामोद्योग को उत्पादन 50 हजार करोड़ रुपये के पार कर चुका है। एमएसएसई मंत्रालय की योजनाओं से उद्यमियों की राह आसान हुई है। ‘माय एमएसएमई एप पर हर प्रकार की योजनाओं की जानकारी उपलब्ध है।’ पीएमईजीपी के तहत 52,912 इकाइयां स्थापित की गई, 4 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए।
हर साल एक करोड़ रोजगार जुटाएंगे…
एमएसएमई क्षेत्र में 3.6 करोड़ उद्योग हैं और सीधे तौर पर 8.5 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। हमारी योजना बजट में आवंटित राशि का शत-प्रतिशत इस्तेमाल करने की है। हमारे लिए ‘मेक इन इंडिया’ महज एक नारा न होकर वचनबद्धता है। विश्व में सबसे अधिक युवा आबादी हमारे देश में है, जो एक बहुत बड़ी शक्ति है। हमें हर साल एक करोड़ से अधिक रोजगार जुटाने होंगे। इसी सोच के साथ हमने बेरोजगारी से स्वरोजगार की यात्रा का संकल्प लिया है। कौशल विकास के लिए सरकार का जोर तकनीकी स्कूलों की स्थापना पर है। फिलहाल करीब दस हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना है। इसके अलावा हम सभी जिलों का इंडस्ट्रियल प्रोफाइल और स्किल मैपिंग भी कर चुके हैं, ताकि उद्योगों की जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षण दे सकें। ‘मेक इन इंडिया’ घरेलू अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने व भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने पर केंद्रित है। इसके तहत देश में सवा लाख उद्योगों की सहायता की गई है। इसी तरह चार लाख सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों की मदद की गई है।
ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया…
आज के युग में डिजिटल टेक्नोलॉजी का काफी महत्व है और उसको ध्यान में रखते हुए हमने ई-गवर्नेंस की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं, जिनके जरिए छोटे उद्यमियों को अपना रोजगार बढ़ाने के लिए मदद की जा रही है। हमने कंज्यूमर पोर्टल स्थापित करके उद्यमियों के लिए नए रास्ते खोले हैं। इसके अतिरिक्त अपने मंत्रालय में ई-ऑफिस को लागू करके ऑनलाइन सुविधाएं देने की शुरुआत की गई है। ई-बिज के साथ जुड़कर हमने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जैसी सुविधाएं उद्यमियों को प्रदान करना शुरू किया है। जिस तरह बड़ी-बड़ी नौकरियों के लिए बैंकिंग, आईटी क्षेत्र में कई सर्च इंजन हैं, उसी तरह मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ई-बिज पोर्टल शुरू किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से दक्ष व्यक्ति अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे एवं उन्हें अपनी जरूरत की जानकारी मिल सकेगी। इससे ‘स्किल्ड इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को सफल बनाने में भी मदद मिलेगी। सोशल मीडिया के साथ कदमताल करते हुए फेसबुक, ट्विटर आदि के माध्यम से जनता से संवाद शुरू किया गया है। यह भी कम महत्वपूर्ण नहीं कि सोशल मीडिया पर हमारे मंत्रालय को जितने लोग फॉलो करते हैं, उनमें 70 फीसदी 18 से 34 आयुवर्ग के हैं। युवाओं का रुझान निश्चित ही इस मंत्रालय के कामकाज को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने उद्यमियों की मदद के लिए नि:शुल्क हेल्पलाइन नंबर भी शुरू किया है। गांवों में उद्योगों को पुनर्जीवित करने और व्यावसायिक कुशलता के लिए स्फूर्ति स्कीम को नए बदलाव के साथ लागू किया गया है। डाटा बैंक बनाया है।
एससी-एसटी के लिए कारोबार के रास्ते खोले…
एमएसएमई ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति केंद्र के साथ ही सूक्ष्य, लघु और मध्य दर्जे (एमएसएमई) के उद्योगों के लिए जेड (जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट) योजना की शुरुआत की गई है और निमार्ताओं से गुजारिश की कि वे इन नई योजनाओं का लाभ उठाएं। अनुसूचित जाति/जनजाति केंद्र इस श्रेणी के लोगों को अपना सूक्ष्म, लघु और मध्य दर्जे (एमएसएमई) की इकाइयां लगाने में मदद करेगा। दलितों के लिए अंदर उद्यमिता की भावना से हमें लाभ होगा। ये वो युवा है जिनका सपना कारोबार लगाना और नौकरियां पैदा करना है।
> युवाओं में खादी के प्रति रूझान पैदा करने के लिए क्या किया जा रहा है?
पीएम मोदी ने एक नारा दिया ‘खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन।’ इसके लिए डिजाइनर नियुक्ति किए हैं। इसमें सूत की गुणवत्ता को बढ़ाया जा रहा है। खादी को मार्केट में हर तरीके कंपीट करने के लिए तैयार किया है। अब इसे ग्लोबल मार्केट में भी ले जाएंगे।
> एमएसएमई नेशनल पॉलिसी में अभी क्या डवलपमेंट है?
देश के माइक्रो, स्मॉक्ल एंड मीडियम एंटरप्राइेजज के लिए पॉलिसी तैयार कर ली गई है। कमेटी ने पेश भी कर दिया है। लोगों के बीच डिसकस हो रहा है। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर के बीच चर्चा हो रही है। अगले संसद सत्र में इसके लेबल होने की उम्मीद है।
> चीन से हमारा लघु उद्योग क्यों पिछड़ रहा है?
अब इस पर ध्यान दिया जा रहा है। गुणवत्ता बढ़ाई जा रही है। गुणवत्ता के आधार पर हमने चीन को पटखनी देनी शुरू कर दी है। अभी प्रधानमंत्री जी ने जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट की बात की है। इसके तहत ही इन सभी चीजों की गुणवत्ता को सुधारा जा रहा है।
> जीएसटी में अगरबत्ती वालों को भी 12 प्रतिशत में रखा गया है?
हां ये हुआ है। हमारे पास भी आया है। इस पर वित्त मंत्रालय से बात हुई है। इसे लिख कर भेजा गया है। यही नहीं ताला बनाने वाले कुंजी बनाने वाले को,फर्नीचर बनाने वाले पर भी 28 फीसदी कर दिया है। दिक्कत है। इसे भेजा गया है। वित्त सचिव का मेल आया है। अभी गुंजाइश है इस पर विचार करने का।
> नोटबंदी का कितना असर पड़ा एमएसएमई सेक्टर पर?
कुछ खास फर्क नहीं पड़ा। विपक्ष का आरोप तथ्यों से परे है। नोटबंदी के तुरंत बाद छोटे उद्योगों पर नकारात्मक असर हुआ था और नकदी की तंगी के कारण ये कुछ समय के लिए बंद हो गए थे। लेकिन बाद में न केवल पुराने उद्योग नई क्षमता के साथ खुले हैं बल्कि नए उद्योगों की स्थापना भी हुई है जिनसे रोजगार के अवसर बढ़े हैं। धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा।
> अब तो यूपी में भाजपा की सरकार आ गई है, क्या लगता है कि हालात कुछ बदलेंगे?
बलेंगे, निश्चित बदलेंगे। यूपी में अपराधियों के बीच भय बढ़ा है। जिस तरह से पूर्व की सरकारों में अपराधियों पर कोई लगाम नहीं था। इस सरकार में ऐसा नहीं होगा। यूपी में अपराधी या तो जेल में होंगे या फिर प्रदेश छोड़ देंगे।
> राममंदिर का मुद्दा उठा है?
जहां तक निर्माण का सवाल है तो आम सहमति और कोर्ट के फैसले के अनुसार निर्माण होगा। इतना तो तय हो गया है कि राम मंदिर जरूर बनेगा। रास्ता जरूर खुलेगा। हमने जो कहा था उस रास्ते पर चल पड़े हैं। मंदिर बनेगा।
कांग्रेस कह रही, ३ साल बेकार साल?
हम जो बोल रहे हैं तथ्यात्मक आधार पर बोल रहे हैं। अब बैंक खाता योजना। 28 करोड़ लोगों का खाता खुला बैंक में। कांग्रेस इसे नहीं झुठला सकती है। उज्ज्वला योजना। पांच करोड़ लोगों को देने जा रहे हैं। कांग्रेस कैसे नकार सकती है। प्रधानमंत्री ज्योति जीवन बीमा योजना। दो करोड़ इससे जुड़े। अटल पेंशन योजना। संपूर्ण फसल बीमा योजना। मुद्रा योजना। इनको कांग्रेस चैलेंज करके दिखाए। कांग्रेस की नकारात्मकता की सोच है। मोदी जी ने जनता के भीतर विश्वास पैदा किया है।
कश्मीर में क्यों फेल हो रही है सरकार?
नहीं बिल्कुल नहीं… कश्मीर में जो नकाबपोश थे, उनका नकाब उतर गया है। कश्मीर में प्रभावी तौर पर चीजें आगे बढ़ती जा रही हैं। उपद्रवियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। नकाब पोशों को लोगों ने पहचनना शुरू कर दिया है। अब कश्मीर के लोगों में यह विश्वास पैदा किया जा रहा है कि पूरा देश उनके साथ है। लोगों के बहकावे में न आएं। कश्मीर में निश्चित रूप से अच्छी स्थिति का निर्माण होगा।
कलराज मिश्र की नजर से …
- नरेन्द्र मोदी…125 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रधानमंत्री
- आदित्यनाथ… लालसा, लालच से दूर एक संत मुख्यमंत्री
- राहुल गांधी… विश्वसनीयता बनाए रखने में असफल
- अमित शाह… संगठन के कुशल नेतृत्वकर्ता व रणनीतिकार