नई दिल्ली : देश में अक्तूबर में विनिर्माण गतिविधियों में कुछ सुस्ती देखने को मिली है। एक मासिक सर्वे के अनुसार, मुख्य रूप से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के नकारात्मक प्रभाव की वजह से मांग घटने से नए आर्डरों में कमी आई। निक्की इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) अक्तूबर में घटकर 50.3 पर आ गया, जो सितंबर में 51.2 पर था। हालांकि यह लगातार तीसरा महीना रहा है जबकि पीएमआई 50 से ऊपर रहा है। इसके 50 से रूपर होने का आशय वृद्धि से और नीचे होने का संकुचन से है।
इसमें कहा गया है कि विनिर्माण गतिविधियों की वृद्धि में कमी की मुख्य वजह जीएसटी के नकारात्मक प्रभाव की वजह से मांग पर असर है। यही नहीं सितंबर, 2013 के बाद से नए निर्यात आर्डरों में सबसे तेज गिरावट भी देखने को मिली है। आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना दोधिया ने कहा कि इसकी वजह से कंपनियों ने बढ़ी कीमत का बोझ ग्राहकों पर डाला है। दोधिया ने कहा कि इसके अलावा कारोबारी भरोसा भी फरवरी के बाद सबसे निचले स्तर पर रहा है। जहां तक लागत की बात है तो मई के बाद लागत का दबाव सबसे अधिक रहा है। अक्तूबर के विनिर्माण पीएमआई आंकड़े कारोबार सुगमता पर विश्व बैंक की रैंकिंग के उलट हैं। कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 30 अंक की छलांग के साथ 100वें स्थान पर आ गया है।