दक्षिणी दिल्ली: छत्तरपुर विधानसभा क्षेत्र के असोला गांव जहां चार वर्ष पूर्व 2013 में सरकारी स्कूल का निर्माण किया जाना था आज तक यह योजना अधर में लटकी पड़ी है, कारण जमीन पर भू-माफिया का अवैध कब्जा! एक तरफ केन्द्र सरकार जहां गांव में संपूर्ण विकास के वास्ते नई-नई योजनाएं लाकर गांव को विकास की मुख्य धारा से जोडऩे का काम कर रही है। वहीं दिल्ली सरकार के कई ऐसे उच्चाधिकारी हैं जो गांव के लोगों का सपना साकार नहीं होने देना चाहते हैं। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं असोला गांव खसरा नम्बर 1593 जो ग्राम सभा की सरकारी जमीन है, रकबा 28 बीघा, 5 बिस्वा जमीन पर सरकारी विद्यालय के निर्माण के वास्ते सन् 2013 में ही दिल्ली के उपराज्यपाल की स्वीकृति के बाद निदेशक पंचायत दिल्ली सरकार ने 99 साल की लीज पर जमीन शिक्षा विभाग को अलॉट कर दिया था।
विद्यालय के निर्माण के वास्ते डीसी रेवेन्यू साऊथ को जमीन का डिमार्केशन करके उपरोक्त सरकारी जमीन शिक्षा विभाग दिल्ली सरकार को सुपूर्द करना था जो पूरे चार साल बाद भी आज तक जमीन का सीमांकन ही नहीं हुआ। सीमांकन न होने के चलते उपरोक्त सरकारी जमीन पर भू-माफिया ने रेवेन्यू आफिस में बैठे अधिकारियों से सांठगांठ करके स्कूल की जमीन पर अवैध कब्जा कर वहां मोबाइल टॉवर खड़ा करवा दिया। सवाल है कि ग्राम सभा की जब यह जमीन विद्यालय के निर्माण के वास्ते शिक्षा विभाग को वर्षों पहले अलॉट की गई थी तो फिर वहां अवैध रूप से मोबाइल टॉवर कैसे खड़ा कर दिया गया। जब सरकारी जमीन पर भू-माफिया कब्जा कर रहे थे तब शिकायत के बावजूद भी रेवेन्यू अधिकारियों ने क्यों नहीं सख्त कार्रवाई की?
जिस जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा है वह करोड़ों रुपये की है। इस संदर्भ में गत वर्ष दिल्ली सरकार के उप सचिव लोक शिकायत प्रकोष्ठ ने शिक्षा विभाग दिल्ली सरकार से स्कूल निर्माण की स्टेट्ïस रिपोर्ट मांगी तो विभाग ने यह लिखा कि स्कूल जमीन पर अब तक अवैध कब्जा है। 2015 में दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग ने स्कूल निर्माण के वास्ते डीसी साऊथ को पत्र लिखते हुए खसरा न.-1593 से अवैध कब्जा हटाने एवं जमीन के डिमार्केशन के लिए तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
इसके बाद भी जमीन का डिमार्केशन नहीं हुआ है। न ही वहां से अवैध कब्जा हटाया गया। यह बहुत पैचीदा सवाल है कि आखिर ऐसी कौन सी मजबूरी है जो सरकारी जमीन पर डिमार्केशन करने में बाधा बनी हुई है। अधिकारी कार्रवाई के बदले खानापूर्ति में लगे रहे। इस संदर्भ में पूछे जाने पर बीडीओ सोमदत्त शर्मा ने बताया है कि यह सही है कि खसरा नम्बर 1593 जो सरकारी विद्यालय की जमीन है अब तक सीमांकन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में यहां से अवैध कब्जा हटा दिया जाएगा।