तीन तलाक बिल पर विपक्ष द्वारा हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित की गई है। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और सपा के नरेश अग्रवाल ने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की है। बता दें कि पिछले हफ्ते लोकसभा से पास होकर बिल राज्यसभा पहुंचा था। जिसके बाद कल राज्यसभा में बिल पेश कर दिया था, लेकिन विपक्ष के भारी हंगामे की वजह से चर्चा शुरू नहीं हो सकी थी।
अरुण जेटली ने कहा, ‘जो प्रस्ताव आए वो 24 घंटे पहले आने चाहिए थे, नहीं आए। पहली आपत्ति है कि रिजल्यूशन कहता है कि हम नाम देंगे और बाकी के नाम ले लिए जाएंगे। सेलेक्ट कमेटी एक होनी चाहिए जो हाउस के कैरेक्टर को प्रजेंट करे। दोनों प्रस्ताव हाउस के कैरेक्टर को रिप्रजेंट नहीं करते।’
उन्होंने आगे कहा, ‘सेलेक्ट और ज्वाइंट कमेटी अगर एक तरफा नाम देती है तो यह वैध नहीं है। एक सेलेक्ट कमेटी को विधेयक पर काम करना होता है, विपक्ष के नेता चूंकि कहते हैं कि अपोजिशन के ज्यादातर नेता बिल के खिलाफ हैं जो कि नहीं हैं।’ जेटली ने आगे कहा कि बिल के खिलाफ साजिश करने वालों को कमेटी में कैसे रखा जा सकता है। ये नियम है कि ऐसा करने वाले अपने आप कमेटी से डिक्वालीफाई हो जाते हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, हम बिल के खिलाफ नहीं हैं, हम उस प्रावधान के खिलाफ हैं। जिसमें तीन तलाक देने वाले पति को जेल भेजने की बात कही गई है। क्योंकि उसके जेल जाने के बाद परिवार को खाना कौन देगा?
सपा के नरेश अग्रवाल ने सभापति से कहा कि वह बिल को सेलेक्ट कमेटी के लिए भेजने का प्रस्ताव मंजूर करें ताकि पूरे सदन की राय पता चले।
इस बिल को मोदी सरकार ने लोकसभा में तो आसानी से पास करवा लिया। लेकिन, अब राज्यसभा में इसे पास करवाने के लिए सरकार को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।
देश की हर छोटी-बड़ी खबर जानने के लिए पढ़े पंजाब केसरी अख़बार