लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

जामा मस्जिद पर रोज़े की रौनक, इफ्तार के लिए आते हैं कोने-कोने से लोग

NULL

नई दिल्ली : दिल्ली की शाही जामा मस्जिद में रमज़ान और रोज़े की रौनक का अंदाज सबसे अनूठा होता है। यहां इफ्तार की चहल -पहल देखने लायक होती है जहां रोजेदारों के साथ ही अन्य धर्मों के लोग राष्ट्रीय राजधानी के दूर- दराज के इलाकों से अपने परिवार के साथ यहां इफ्तार करने के लिए आते हैं। वहीं मस्जिद में लोगों को इफ्तार कराने वालों की भी कमी नहीं है। इफ्तार के वक्त कोई पानी या जूस रोजेदारों को देता है तो कोई समोसा, खजूर या पकौड़े। कोई तो लोगों के लिए पूरे इफ्तार का इंतजाम करता है।

masjid

                                                                                              Source

जामा मस्जिद में इफ्तार की यह रौनक हर साल पहले रोज़े से लेकर रमजान महीने के आखिरी दिन तक बदस्तूर जारी रहती है। दिल्ली के दिलशाद गार्डन से 10 लोगों के पूरे परिवार के साथ जामा मस्जिद में इफ्तार करने के लिए आए अफजाल बताया कि उनका परिवार हर साल रमजान में एक बार जामा मस्जिद में इफ्तार करने के लिए जरूर आता है। वह अपने साथ इफ्तारी का पूरा सामान लेकर आते हैं और यहीं पर फलों की चाट बनाते हैं। वे इफ्तारी को यहां आए लोगों को भी देते हैं।

jama masjid 3

                                                                                               Source

17वीं शताब्दी की इस ऐतिहासिक मस्जिद की क्षमता करीब 25,000 की है और इफ्तार के वक्त में यहां पैर रखने की भी जगह नहीं होती है। यहां रोज़ा खोलने की मंशा रखने वाले लोग 4-5 बजे से ही मस्जिद पहुंचना शुरू हो जाते हैं ताकि उन्हें यहां जगह मिलने में दिक्कत न हो। दिल्ली के सीमापुरी, नांगलौई, ओखला, तुगलकाबाद, महरौली यहां तक की नोएडा, गाजियाबाद तक से लोग जामा मस्जिद इफ्तार करने पहुंचते हैं। पेशे से करोबारी हाफिज सुल्तान पिछले कई सालों से जामा मस्जिद पर आने वालों लोगों को अपनी ओर से रोजाना इफ्तार कराते हैं।

iftar

                                                                                            Source

उनका कहना है कि वह अपना दस्तरखान लगाते हैं जिसमें रोजाना करीब 300-400 लोग इफ्तार करते हैं। वह दस्तरखान पर प्लेटें लगा देते हैं और लोगों को इस पर बैठाते हैं। प्लेट में एक सेब, केला, खजूर, समोसा या पकौड़े और शरबत होता है। मस्जिद में पानी और जूस की बोतलें बांटने आए नवेद ने बताया कि वह रमजान में कई बार यहां इफ्तार के वक्त लोगों को पानी और जूस देने के लिए आते हैं। करीब सौ-सवा लोगों को वह पानी और जूस देते हैं। उन्होंने बताया कि मस्जिद में अलग -अलग लोग इफ्तार देते हैं जहां पर कोई भी व्यक्ति जाकर बैठ सकता है और इफ्तार कर सकता है।

masjid iftar

ऐसा नहीं है कि लोग खुद ही जामा मस्जिद पर रोजा खोलने और खुलवाने के लिए आते हैं। यहां लोग इफ्तार दावतों का भी इंतजाम करते हैं। पेशे से वकील युसूफ नकी ने अपने मुस्लिम और गैर मुस्लिम दोस्तों के लिए गुरूवार को इफ्तार दावत का आयोजन किया था। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने दोस्तों और परिचितों को इफ्तार देना था। उन्होंने सोचा क्यूं न जामा मस्जिद इफ्तार दिया जाए। यहां का इफ्तार बहुत अच्छा होता है। उनके मुस्लिम और गैर मुस्लिम दोस्त यहां के इफ्तार का लुफ्त उठा सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

11 − five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।