नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने आज कहा कि स्वच्छ भारत कार्यक्रम से सामाजिक उद्यमियों को फायदा हो सकता है क्योंकि इसमें कारोबार का बड़ा तत्व है। इसके साथ ही उन्होंने अपशिष्ट को धन में बदलने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में नौजवान स्वच्छ भारत में हिस्सा लेने के लिए सामाजिक उद्यमियों की भूमिका में आ रहे हैं। मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन बड़ी संख्या में सामाजिक उद्यमियों के उभरने का अवसर प्रदान करता है। एस्सेल ग्रुप के 90 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ”अपशिष्ट से धन ऐसा विचार है जो गति पकड़ रहा है। बहुत सारे सामाजिक उद्यमी इसके प्रति समर्पित हो रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ”अगर हम अपशिष्ट को अपशिष्ट मानेंगे तो हम अपनी मूल्यवान सामग्री को खो देंगे।” उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधानों की कमी का संकट है और समुचित प्रबंधन तथ तर्कसंगत प्रयोग के साथ वैज्ञानिक तरीके से इससे निपटा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्यमिता भारतीय व्यवस्था का अंतर्निहित भाग है जो एक पीढी से होकर दूसरी पीढ़ी में आयी है। मोदी ने भारत में पारिवारिक मूल्यों की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज, सबसे ज्यादा विकसित देशों में भी पारिवारिक मूल्यों को जिंदा करना चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा बन गया है।
(भाषा)