नई दिल्ली : डेंगू, मलेरिया का मौसम खत्म होने को आया तो दिल्ली में चिकनगुनिया ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। निगम की ओर से जारी साप्ताहिक रिपोर्ट में चिकनगुनिया से तीन मौतों की पुष्टि हुई है। तीनों ही मामले फरवरी माह में सामने आए थे। चिकनगुनिया से हुई मौतों ने एक बार फिर दिल्ली वालों को डरा दिया है। 2017 में चिकनगुनिया से दिल्ली में 25 लोगों की जान गई थी। 2018 अभी शुरू ही हुआ है और तीन मौत होने से निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं।
तीन साल तक नहीं हुई थी मौत
बीते वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2014, 2015 और 2016 में चिकनगुनिया से कोई मौत नहीं हुई थी। हालांकि, वर्ष 2016 में चिकनगुनिया के 7760 मामले सामने आए थे। जबकि, वर्ष 2017 में सामने आए 559 मामलों में से 25 लोगों की मौत चिकनगुनिया के कारण हुई थी। बीते वर्ष डेंगू के मामलों को लेकर दिल्ली में जबर्दस्त हंगामा हुआ था।
जोड़ों में तेज दर्द… चिकनगुनिया के मरीज को जोड़ों में तेज दर्द होता है। यही दर्द डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों को लक्षणों में एक-दूसरे
से अलग करता है। कुछ लोगों को तो यह दर्द ठीक होने में 6 महीने से 1 साल तक का वक्त लग जाता है। मरीज को तेज बुखार भी रहता है।
सिर व शरीर में तेज दर्द … जोड़ों में भयंकर दर्द और तेज बुखार के अलावा सिर में भी दर्द होता है। यूं तो बुखार के कारण आमतौर पर भी मरीज के शरीर में दर्द होता है, लेकिन चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति के पूरे शरीर में काफी दर्द रहता है। मरीज का पूरा शरीर दर्द से टूट रहा होता है। सबसे ज्यादा तकलीफ जोड़ों के दर्द के कारण होती है।
शरीर पर रैशेज होना… चिकनगुनिया के मरीज को शरीर पर रैशेज हो जाते हैं। रोगी के शरीर पर खुजली हो सकती है। उसके शरीर पर चकत्ते भी निकल सकते हैं।
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