नई दिल्ली : भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी गुरुवार को अपनी जिन मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे, देर रात उपराज्यपाल अनिल बैजल के एक आश्वासन पर तोड़ दिया। रात 11 बजे के करीब इसकी जानकारी मनोज तिवारी ने अपने ट्वीट के जरिए दी। गौरतलब है कि मनोज तिवारी प्रधानमंत्री मोदी के लोकतंत्र बचाओ उपवास निर्देश के साथ-साथ अपने संसदीय क्षेत्र की अनदेखी के खिलाफ शास्त्री पार्क पर आमरण अनशन पर बैठे थे।
शाम 5 बजे तक उपवास पर रहने के बाद मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार से अपनी मांगों को लेकर अनशन पर चले गए। देर रात किए ट्वीट में मनोज तिवारी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने उन्हें स्पष्ट कर दिया है कि इस मसले पर वह पीडब्ल्यूडी और दिल्ली सरकार के वित्त सचिव से बात करेंगे। मनोज तिवारी ने एलजी द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए आभार व्यक्त किया है।
24 घंटे भी अनशन न रहने पर उठे सवाल…
मनोज तिवारी के 24 घंटे भी अनशन पर न बैठे रहने पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने तो तंज किया ही, भाजपा के भी कुछ नेताओं ने भी कह दिया कि जब अनशन पर बैठने की ताकत नहीं थी तो आमरण-अनशन जैसा एेलान नहीं करना चाहिए था। आप पार्टी का कहना है कि सभी को मालूम है कि एलजी का आश्वासन कैसा होगा? दिल्ली वाले भी अच्छे से इन बातों को समझते हैं।
गौरतलब है कि जिस दिन मनोज तिवारी ने अपने आमरण-अनशन का ऐलान किया था, उसी दिन उनके इस ऐलान पर सवाल खड़े हो गए थे। भाजपा के पदाधिकारी पहले ही दिन इस निर्णय से होने वाले डैमेज को कंट्रोल करने में लग भी गए। सूत्र बताते हैं कि अनशन को रात में ही खत्म कराने के लिए कई केन्द्र के कई वरिष्ठ नेताओं ने आश्वासन दे दिया था, तब कहीं जाकर मनोज तिवारी उपवास के साथ-साथ अनशन पर बैठे थे।
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