पश्चिमी दिल्ली: मुंबई में बर्थ-डे पार्टी के दौरान पिछले दिनों हुए दर्दनाक हादसे से राजधानी दिल्ली कुछ सीखने के बजाय हादसे को ही दावत दे रही है। राजधानी के उस फाइव स्टार होटल में फायर सेफ्टी नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है जहां भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और तेज तर्रार बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी और उनके साथी आग लगने के कारण बाल-बाल बचे थे। होटल के भीतर चल रहे मॉल के बेसमेंट में अब रेस्टोरेंट चलाए जा रहे हैं, जहां नियमों के मुताबिक पार्किंग होनी चाहिए।
प्रशासन की आंखों तले हो रहे इस मामले के प्रति सब बेखबर होकर शायद मुंबई जैसे हादसे के इंतजार में लगे हैं। पूरा मामला द्वारका सेक्टर-10 स्थित फाइव स्टार वेलकम होटल से जुड़ा है। दरअसल, इस फाइव स्टार वेलकम होटल के भीतर ही पिनाकल मॉल बना हुआ है। इस मॉल पर ही फायर सेफ्टी के उल्लंघन का आरोप लगा है। जानकारी के मुताबिक पिनाकल मॉल में चल रहे रेस्टोरेंट व दुकानों को गत वर्ष ही बेसमेंट में शिफ्ट कर दिया गया।
इसके लिए किसी विभाग से एनओसी तक नहीं लिया गया। इतना ही नहीं, बिना अनुमति किचन भी बेसमेंट चलाई जा रही है। इन्हीं मुद्दों को लेकर पर्यावरणविदों ने दिल्ली फायर सर्विस से शिकायत की थी। इस पर दिल्ली फायर सर्विस ने इसे स्पेश के अनअथॉराइज्ड यूज का मामला माना। फायर सर्विस ने कहा कि फायर सर्विस एक्ट 2007 के मुताबिक अनअथॉराइज्ड यूज का मामला उनके तहत नहीं आता। इसके लिए डीडीए को पत्र लिखकर इस पर कार्रवाई करने को कहा। डीडीए को भेजे गए इस पत्र को भी तीन माह बीतने को हैं। लेकिन इस पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
एक बार फिर पर्यावरणविदों ने दिल्ली फायर सर्विस से शिकायत करते हुए तर्क दिया है कि होटल के निर्माण के समय नक्शा देने पर ही एनओसी दिया गया होगा। लिहाजा नक्शे में हुई छेड़छाड़ के बाद वेलकम होटल के एनओसी को ही रद्द करने की मांग की जा रही है। इस पूरे मामले को उजागर करने वाले एक्टिविस्ट शोभित चौहान का कहना है कि इस होटल में मार्च 2017 के दौरान आग लगने की भी घटना घट चुकी है। उस समय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी भी इसी होटल में झारखंड रणजी टीम के साथ रुके थे। कई घंटों बाद आग पर काबू पाया गया था। बावजूद इसके कोई भी संबंधित विभाग इसे लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है।
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– राजेश रंजन सिंह