नई दिल्ली : दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) द्वारा अनुबंधित ड्राइवरों को प्रति किलोमीटर के हिसाब से तय किलोमीटर पूरा करने पर दी जाने वाली राशि में वृद्धि का विरोध अब डीटीसी के कर्मचारियों द्वारा ही किया जाने लगा है। दरअसल डीटीसी ने गत दिनों अनुबंधित ड्राइवरों के मानदेय में बढ़ोतरी का आदेश जारी किया था। अब डीटीसी के कर्मचारी यात्रियों की सुरक्षा का हवाला देते हुए अपने-अपने तरीके से इस सर्कुलर का विरोध कर रहे हैं। इस बारे में डीटीसी आम कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष वाल्मीकि झा ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से यात्रियों की जान खतरे में पड़ जाएगी।
उन्होंने कहा कि ड्राइवर ज्यादा पैसे की लालच में जहां एक ओर गाड़ियों को ओवरटेक करेगा वहीं दूसरी ओर तय सीमा से ज्यादा तेज बस चलाएगा। उसकी कोशिश होगी कि वह सिर्फ किलोमीटर पूरा करें। ड्राइवर किलोमीटर पूरा करने के चक्कर में बस स्टैंड पर बसों को रोकेगा भी नहीं। ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किलोमीटर ज्यादा करने के चक्कर में ड्राइवर छुट्टी भी नहीं लेगा ऐसे में उसकी सेहत भी खराब होगी और कम सोने की वजह से दुर्घटना की संभावना ज्यादा रहेगी।
झा ने कहा कि निगम के सर्कुलर के अनुसार पहले जहां एक माह में 2250 किलोमीटर बस चलाने पर पांच रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से मानदेय मिलता था अब उसे बढ़ाकर 6.65 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह 2250 किलोमीटर से ज्यादा बस चलाने पर पहले छह रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से मानदेय मिलता था। अब इसे बढ़ाकर 6.96 रुपए प्रति किलोमीटर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी इस स्कीम का विरोध कर रहे हैं। हमारी मांग है कि सरकार किलोमीटर की जगह घंटे के हिसाब से ड्राइवरों को भुगतान करे।
सर्कुलर के अनुसार भत्ते के रूप में 22 दिन उपस्थिति और निर्धारित किलोमीटर के 95 प्रतिशत के परिचालन पर 2200 रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही 22 दिन की ड्यूटी के अतिरिक्त अधिकतम चार दिनों के लिए प्रतिदिन 200 रुपये दिए जाएंगे और पूरी रकम 3000 से अधिक हो सकती है। डीटीसी के 13000 से ज्यादा ड्राइवर 3700 से ज्यादा बसों का परिचालन करते हैं। जिनमें अनुबंध पर काम करने वाले ड्राइवरों की संख्या तकरीबन 8000 है।
देश की हर छोटी-बड़ी खबर जानने के लिए पढ़े पंजाब केसरी अखबार।