पटना : भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कर्नाटक में बहुमत परीक्षण से पहले ही येदुरप्पा सरकार के इस्तीफे को लोकतंत्र व संविधान की जीत बतलाया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के हालिया प्रकरण ने लोकतंत्र के अपहरण व धन बल के खेल के जरिए नरेन्द्र मोदी व अमित शाह के उस अहंकार को तोड़ दिया है, जिसमें वे यह समझ रहे थे कि पूरे भारत में भाजपा अब अपराजेय है तथा हर चुनाव वे किसी भी प्रकार से जीत ही लेंगे। भाजपा के इस अहंकार पर चोट से आज देश की समस्त जनता व न्यायप्रिय नागरिक राहत महसूस कर रहे हैं।
माले राज्य सचिव ने कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल ने संवैधानिक नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं और राज्यपाल की बजाए भाजपा-संघ के एजेंट के रूप में काम किया है। इसलिए ऐसे व्यक्ति को राज्यपाल जैसे पद से अविलंब हटाया जाना चाहिए। हम भारत के राष्ट्रपति से उन्हें अविलंब हटाने की मांग करते हैं। दूसरी ओर कर्नाटक में भाजपा के मुख्यमंत्री येदुरप्पा के इस्तीफे पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल एवं प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि कर्नाटक में लोकतंत्र एवं संविधान की जीत हुई है।
दोनों नेताओं ने कर्नाटक के कांग्रेस एवं जनता दल (एस.) के विधायकों को बधाई दी है तथा कहा कि कांग्रेस पार्टी ही देश में लोकतंत्र एवं संविधान की रक्षा करेगी। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस एवं जनता दल (एस.) के विधायकों को खरीदने में लगी थी तथा राज्य में हौर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दे रही थी। श्री गोहिल एवं श्री कादरी ने कहा कि 2018 के कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 37.9 प्रतिशत, भाजपा को 36.2 प्रतिशत एवं जनता दल (एस.) को 18.8 प्रतिशत मत मिले थे। दोनों नेताओं ने कहा कि भाजपा के राज्यपाल ने गोवा, मणिपुर एवं मेघालय के 2017 के जनादेश का भी अपमान किया था। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एच. के. वर्मा ने भी कर्नाटक में लोकतंत्र की जीत पर कांग्रेस आलाकमान को बधाई दी है।
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