सर्वोच्च न्यायालय के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर ने गुरुवार को पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण द्वारा दाखिल मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया। शांति भूषण ने दाखिल मामले में भारत के मुख्य न्यायाधीश के अधिकार क्षेत्र को लेकर सवाल उठाए थे, जिस पर सुनवाई से इनकार करते हुए चेलमेश्वर ने कहा, ‘मैं ही क्यों, इस देश को अपना फैसला खुद लेना चाहिए।’ इसके तुरंत बाद,
वकील प्रशांत भूषण याचिकाकर्ता और अपने पिता की ओर से भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश हुए व याचिका का जिक्र किया और वह मामले पर गौर करने के लिए सहमत हो गए। भूषण ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के समक्ष दायर याचिका में जिक्र करते हुए पीठ से कोलेजियम द्वारा आवंटित कार्य की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई का अनुरोध किया और आग्रह किया कि पिछले सप्ताह दाखिल याचिका को शीर्ष अदालत सूचीबद्ध करे।
न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा, ‘मैं इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहूंगा..देश को खुद उसका रास्ता तैयार करने दीजिए।’ न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने कहा, ‘कोई मेरे खिलाफ लगातार यह अभियान चला रहा है कि मैं कुछ हासिल करना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा कि उनके सेवानविृत होने में दो महीने बचे हैं और वह उससे पहले यह नहीं सुनना चाहते कि वह कुछ हासिल करना चाहते हैं।
चेलमेश्वर ने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि अगले 24 घंटों में एक बार फिर मेरे आदेश को पलटा जाए।’ जब भूषण ने पीठ को बताया कि याचिका पिछले सप्ताह दाखिल की गई थी और कई फॉलोअप देने के बावजूद इसे सूचीबद्ध नहीं किया गया, जिस पर चेलमेश्वर ने कहा, ‘देश के इतिहास में कारण बहुत स्पष्ट हैं।
मैं इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहूंगा।’ भूषण की ओर से याचिका पर सुनवाई के बार-बार अनुरोध पर चेलमेश्वर ने कहा, ‘इन्हें अपने आप कदम उठाने दीजिए। यह मेरी समस्या नहीं है। माफ कीजिए, मैं इस पर सुनवाई नहीं कर सकता।’ न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के साथ पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति संजय कृष्ण कौल ने भूषण से कहा कि वह मामले की सुनवाई के लिए उनसे आग्रह न करें, क्योंकि यह न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के लिए न्यायसंगत नहीं है।
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