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बंद चीनी मिल की जमीन बेचने का हक मिल मालिकों का नहीं

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पटना : बिहार विधान परिषद में राकेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता के तारांकित प्रश्न का हस्तक्षेप करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में किसी भी बंद चीनी मिल का खाली जमीन को बेचने का अधिकार चीनी मिल मालिकों का नहीं है।

राज्य सरकार ने बंद सभी चीनी मिलों को टेक ओवर कर दूसरा उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करती रही है। उसी कड़ी में मोतिहारी चीनी मिल का अपना जमीन है। उनके मालिक उस जमीन को बेच नहीं सकते। प्रो. नवल किशोर यादव के तारांकित प्रश्न के उतर में उद्योग मंत्री जयकुमार ङ्क्षसह ने कहा कि कटिहार जूट मिल कटिहार एवं रामेश्वर जूट मिल मुक्तापुर, समस्तीपुर कार्यरत है।

पुरासर जूट पार्क, पूर्णिया अपने उद्देश्यों के अनुरूप क्रियान्वित नहीं हो पाया है। इस संबंध में नियमानुसार समीक्षा की जा रही है। इस जूट पार्क को नये सिरे से चालू करने की नयी योजना ब नायी जा रही है। आरबीएचएम जूट मिल, कटिहार नेशनल जूट मैनुफैक्चर्स कॉरपारेशन लि. वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार की इकाई है।

औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड द्वारा प्रचारित ड्राफ्ट पुनर्वास प्रस्ताव के आलोक में बिहार सरकार से मांगी गयी सहातया और सुविधा की स्वीकृति प्रदान की गयी। लेकिन यह पुनर्वासित नहीं हो सका। वर्तमान में नीति आयोग की अनुशंसा के आलोक में उक्त इकाई को बंद करने पर वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है।

सरकार अपने स्तर से उद्योग नहीं लगाती है लेकिन राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों को राज्य सरकार वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है। वर्तमान में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 राज्य में लागू है। जूट आधारित उद्योग स्थापना के लिए नीति के उच्च प्राथमिकता प्रक्षेत्र में रखा गया है। जिसके तहत स्टाम्प डयूटी, पंजीकरण शुल्क, भूमि संपरिवर्तन शुल्क में छूट, ब्याज अनुदान, कर अनुदान, नियोजन खर्च अनुदान तथा कौशल विकास सहायता दी जाती है।

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