मुरैना : दूध का व्यापार करने वाले किसानों पर भी जीएसटी का असर पड़ने लगा है, जिससे उनके दूध की कीमत 15 से 20 रुपए प्रति किलो कम हो गई है। इसके चलते दूधियों ने मंगलवार से हड़ताल आरंभ कर दी है, जिसका असर आम जनता पर भी पड़ा और हजारों घरों में मंगलवार के दिन दूध नही पहुंचा।
जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा । बताया जाता है कि जीएसटी का हवाला देकर दुग्ध पाउडर बना रही कम्पनियों ने दूध खरीदने के रेट घटा दिये है जिससे दूध का कारोबार करने वाले किसानों को नुकसान हो रहा है और इसी के चलते उन्होंने 5 दिन की हड़ताल का ऐलान किया है।
इस संबंध में किसान संघ के नेतृत्व में दूध वालों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर दूध के रेट बढाने की अपील की। बताया जाता है कि मालनपुर व धौलपुर में दूध पाउडर बनाने वाली कम्पनियों ने एक सप्ताह पूर्व दूध खरीदने के रेट 33 रूपये से घटाकर 27 रुपए कर दिये। वहीं चिल्लर सेंटरों कारोबारियों ने दूधियों से कहा है कि वह अब 25 रुपए लीटर से ही दूध खरीदेंगे। अचानक 6-7 रुपए की गिरावट आने से दूधियों को व्यवसाई में घटा होने लगा है।
उल्लेखनीय है कि मुरैना, अंबाह, पोरसा, जौरा, कैलारस, सबलगढ़, बागचीनी, पहाडगढ़, नूराबाद, सुमावली, बानमोर सहित अनेक क्षेत्रों से किसान दुग्ध उत्पाद निर्माता कम्पनियों जो मालनपुर, धौलपुर, अलीगढ, दिल्ली, हाथरस, पलवल के लिये प्रतिदिन 15 लाख लीटर से अधिक दूध की आपूर्ति की जा रही है।
इधर किसान संघ ने दूध के रेट कम होने पर दूधियों के समर्थन में एक रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। किसान संघ की मांग है कि दूध का भाव 50 रुपए प्रति किलो कराया जाए। अन्यथा किसान संघ आंदोलन करेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि शीघ्र ही इस पर कार्यवाही नही हुई तो गांव से दूध आयेगा ना सब्जी आयेगी और जनता परेशान होगी।
ज्ञापन देने वालों में रामाधार शर्मा के अलावा एस एस पटेल, ऐदल सिंह, भागीरथ सिंह, टेकराम शर्मा, शंकर, रामखिलाडी, राजेश शर्मा, ब्रजेश शर्मा, नवल सिंह, धर्मेन्द्र, दिनेश सिंह, जसवंत, महेन्द्र सिंह, देवेन्द्र आदि प्रमुख थे।
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