कच्चे तेल के आयात की वजह से देश के सामने ‘आर्थिक संकट’ : नितिन गडकरी

NULL
कच्चे तेल के आयात की वजह से देश के सामने ‘आर्थिक संकट’ : नितिन गडकरी
Published on

मुंबई : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि कच्चे तेल के आयात की वजह से देश को काफी 'आर्थिक संकट' का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कच्चे तेल का आयात घटाने तथा निर्यात बढ़ाने की जरूरत है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल महंगा होने से घरेलू परिवहन ईंधन महंगा हो रहा है। आधी दुनिया में ब्रेंट को कच्चे तेल का मानक माना जाता है। यह अभी चार साल के उच्चस्तर 84 डॉलर प्रति बैरल पर है। गडकरी ने यहां उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित इंडियाकेम-2018 सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''अब समय आ गया है जबकि देश को आयात के लिए वैकल्पिक उत्पादों की ओर रुख करना चाहिए। हमारे पास एथेनॉल, मेथेनॉल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक परिवहन प्रणाली समाधाना का इस्तेमाल करने की काफी गुंजाइश है।'' उन्होंने कहा कि भारत इस समय नवोन्मेषण, उद्यमिता, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान एवं विकास में आगे है।

भारत के पेट्रोरसायन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं, लेकिन हमें आयात के विकल्पों की जरूरत है। प्रदूषण मुक्त, लागत दक्ष और घरेलू स्तर पर संभावनाओं को तलाश कर हम आगे बढ़ सकते हैं। गडकरी ने कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का दोष ओपेक देशों को दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा समय आएगा जबकि कच्चे तेल के लिए कोई बाजार नहीं होगा। मंत्री ने कहा कि सरकार ने एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है जो देश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह समय है जबकि भारत को आयात विकल्पों को ढूंढना होगा।

रसायन उद्योग को कच्चे तेल का आयात घटाने के लिए समाधान ढूंढना होगा। गडकरी ने कहा कि सरकार की योजना कोयले से निकले मेथेनॉल से इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए मुंबई, नवी मुंबई, पुणे और गुवाहाटी में पायलट परियोजना शुरू करने की है। इस मौके पर रसायन एवं पेट्रोरसायन विभाग के सचिव पी राघवेन्द्र राव ने क्षेत्र में अवसरों का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश के रसायन एवं पेट्रोरसायन क्षेत्र में निवेश करने का सही समय है।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com