नई दिल्ली: देश के विकास की रफ्तार में आई गिरावट के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दुनिया भर में जारी आर्थिक मंदी को जिम्मेदार ठहाराया है। इस दौरान मानसून भी खराब रही और हमें विरासत में खराब अर्थव्यवस्था मिली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार के तीन साल का लेखा-जोखा देते हुए कहा कि पहले की सरकार फैसले नहीं लेने वाली सरकार थी। लेकिन अब फैसले लेने वाली सरकार आई है। जिससे पूरी दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति भरोसा पैदा हुआ है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस देश में पहली बार हम एक आम राय के साथ जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया को काफी आगे तक ले गए हैं, इसके लागू होने से देश के अंदर कर प्रणाली में एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इन तीन वर्षों में हमने सख्त निर्णय लिए, भ्रष्टाचार रोकने के प्रयास किए और इसमें नोटबंदी एक बड़ा कदम था। हमने विदेशी निवेश बढ़ाने का काम किया और देश की छवि बदलने से इसमें फायदा मिला।
जीडीपी की रफ्तार पिछले वित्त वर्ष में 7.1 फीसदी रही थी। वहीं, पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में यह 6.1 फीसदी रही और इस वजह से भारत का सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था का तमगा भी छिन गया है। चौथी तिमाही में ग्रोथ का आंकड़ा इतना कम रहने की बड़ी वजह नोटबंदी को माना जा रहा है।