चुनाव आयोग ने जेडीयू का चुनाव चिन्ह का मामले पर बड़ा फैसला सुनाया है चुनाव आयोग ने नीतीश कुमार की जदयू को असली करार दिया। इसके साथ ही नीतीश की जदयू को ही पार्टी का चुनाव चिन्ह तीर के निशान के उपयोग का अधिकार दिया।
इसी के साथ चुनाव आयोग ने छोटू भाई अमरसंग वसावा की अपने ग्रुप को असली जेडीयू बताने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया है। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि नीतीश के पास विधायकों का अच्छा समर्थन है। चुनाव आयोग के इस फैसले से शरद यादव खेमे को झटका मिला है।
आपको बता दे कि शरद यादव लगातार अपने धड़े को असली जदयू करार दे रहे थे और उन्होंने इसे लेकर चुनाव आयोग के सामने अपनी याचिका भी लगाई थी। उन्होंने खुद को असली जदयू करार देते हुए तीर के निशान पर भी अपना हक जताया था। दोनों ही पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने नीतीश कुमार के पक्ष में फैसला सुनाया है।
बता दें कि महागठबंधन टूटने के बाद से दोनों खेमों के बीच चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद था। इससे पहले जेडीयू के नीतीश कुमार वाले खेमे ने सोमवार को चुनाव आयोग से मिलकर पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जल्द फैसला लेने की मांग की। शरद यादव गुट भी पार्टी के चुनाव चिह्न ‘तीर’ पर अपना दावा कर रहा था। नीतीश खेमे का आरोप था कि शरद गुट इस फैसले को लटकाना चाहता है ताकि गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी के निशान का इस्तेमाल न हो।
इसी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अब जेडीयू गुजरात विधानसभा चुनाव में अपनी चार-पांच परंपरागत सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इस बारे में जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि पार्टी के राज्यसभा सदस्यों को छोड़कर जेडीयू के सभी विधायकों और सांसदों ने नीतीश कुमार का समर्थन किया था और इस संबंध में चुनाव आयोग में शपथपत्र भी दिया था।