ईपीएफओ ने डाटा लीक होने की सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाह के बीच आधार लिंक करने वाले पोर्टल को बंद कर दिया है। ईपीएफओ ने उस पोर्टल को बंद किया जिसके जरिए देश भर में स्थित कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पीएफ खाते को आधार से लिंक करते हैं।
आपको बता दे कि ईपीएफओ का सर्वर पिछले 12 दिन यानी 22 अप्रैल से बंद है। इस दौरान कोई अपडेशन का काम नहीं हो रहा है। किसी भी तरह की ऑनलाइन सर्विस बंद हैं। डाटा लीक होने की खबर मिलते ही सर्वर को बंद कर दिया गया था। लेकिन, सामने आने पर ईपीएफओ ने सफाई जारी की कि कोई डाटा लीक नहीं हुआ है। सभी खाताधारकों का डाटा सुरक्षित है। लेकिन, सवाल यह उठता है कि अगर डाटा लीक की खबरें गलत हैं तो सर्वर क्यों बंद किया गया है। साथ ही तमाम सेवाओं पर रोक क्यों है।
वही , कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की वेबसाइट से हैकरों द्वारा की गयी कथित डाटा चोरी को माकपा ने ईमानदार भारतीयों की गाढ़ी कमाई की लूट बताया है।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि ईपीएफओ की वेबसाइट में हैकरों की सेंधमारी से आम आदमी को दोहरी मार झेलनी पड़ी है। येचुरी ने इसके लिये केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि ईपीएफओ की वेबसाइट पर संरक्षित कर्मचारियों का डाटा हैकरों की पहुंच में आना चिंता की बात है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘‘पहले भविष्य निधि की ब्याज दर में धीरे धीरे कटौती कर ईमानदार भारतीयों की मेहनत की गाढ़ी कमाई को लूटा गया और अब हैकरों को डाटा तक पहुंच बनाने की छूट दी गयी। यह दोहरी मार है।’’ येचुरी ने डाटा सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाते हुये कहा कि जनता की कमाई को लूटने और भागने की छूट देने के लिये सरकारी सुरक्षा सिर्फ नीरव मोदी और उसके सहयोगियों को मिली है।
उल्लेखनीय है कि ईपीएफओ ने सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बचत खातों को आधार से लिंक करने संबंधी वेबसाइट बुधवार को बंद कर दिया था। इस वेबसाइट के डाटा में हैकरों द्वारा सेंधमारी करने की सूचना खुफिया एजेंसी आईबी से मिलने के बाद ईपीएफओ ने बुधवार को यह कार्रवाई की थी।
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