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डाटा लीक मामले में फेसबुक CEO ने मानी गलती, कहा- होंगे कई बड़े बदलाव

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फेसबुक CEO मार्क जुकरबर्ग (33) ने गुरुवार डाटा लीक मामले में कहा कि यूजर्स की डाटा सीक्रेसी को लेकर मेरी कंपनी ने गलती की है। जुकरबर्ग ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा है और अपनी गलती को स्वीकार किया है। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए अपनी सफाई दी और कहा कि कंपनी ने इस मामले में कई कदम उठाए हैं और भी सख्त कदम उठा सकती है। करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा चुराकर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दुरुपयोग के खुलासे के बाद अमेरिका की राजनीति में उठा भूचाल बुधवार को भारत पहुंचा। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया, ”2019 का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस डाटा चोरी की आरोपी रिसर्च फर्म कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ले रही है। भारत में 20 करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं।

चुनाव प्रक्रिया प्रभावित करने की कोशिश बर्दाश्त नहीं करेंगे। जरूरत पड़ी तो फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग भी तलब होंगे।” जकरबर्ग ने फेसबुक पर लिखा कि लोगों के डेटा को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है, अगर हम इसमें असफल होते हैं तो ये हमारी गलती है। उन्होंने कहा कि हमने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए थे, हालांकि हमसे कई गलतियां भी हुईं लेकिन उनको लेकर काम किया जा रहा है। उन्होंने लिखा कि फेसबुक को मैंने शुरू किया था, इसके साथ अगर कुछ भी होता है तो इसकी जिम्मेदारी मेरी ही है।

हम अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करते रहेंगे, हम एक बार फिर आपका विश्वास जीतेंगे। अपने फेसबुक पोस्ट में जकरबर्ग ने पूरे मामले को एक टाइमलाइन द्वारा समझाया। जकरबर्ग ने लिखा कि 2007 में हमने फेसबुक में कई तरह की चीज़ों को अपडेट किया। इसमें दोस्तों के जन्मदिन, एड्रेस बुक, मैप्स जैसे कई एप्स शामिल थे। इसके लिए हमने फेसबुक यूज़र से कुछ जानकारी ली, जिसमें उनके दोस्त कौन हैं जैसी जानकारी शामिल थी।

2013 में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगन ने एक पर्सनल क्विज़ एप बनाया। जिसे करीब 3 लाख लोगों ने इंस्टाल किया, इसमें कुछ पर्सनल डेटा का भी उपयोग किया गया। इससे ना सिर्फ उन तीन लाख लोगों का डाटा शेयर हुआ बल्कि उनके कई दोस्तों का भी हुआ। जकरबर्ग ने लिखा कि 2014 में हमने एप्स और डेटा शेयरिंग के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया, जिसके बाद अगर कोई अन्य एप किसी यूजर का डेटा मांगती है, तो उसे पहले यूजर से पूछना पड़ेगा। लेकिन 2015 में एककी रिपोर्ट से पता लगा कि कोगन ने ये डाटा कैंब्रिज एनालिटका कंपनी के साथ शेयर किया है। जो कि नियमों के खिलाफ था।

जिसके बाद हमने तुरंत ही कोगन की एप्लिकेशन को फेसबुक से बैन कर दिया। हमने कोगन और कैंब्रिज एनालिटका से सभी यूजर्स का डेटा डिलीट करने को कहा और इसका सर्टिफिकेट देने को भी कहा। फेसबुक पेज पर लिखे एक पोस्ट में जुकरबर्ग ने कहा कि वह उन हज़ारों एप्लिकेशन की जांच करेगा जिसका इस्तेमाल उस वक्त बड़ी संख्या में डे किया गया।

उन्होंने कहा कि फेसबुक अपने यूजर्स को एक नया टूल देगा कि ताकि उन्हें पता चले कि उनके डेटा का इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है, साझा किया जा रहा है, और आगे से डेवलपर्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए डेटा तक उसके पहुंच को प्रतिबंधित कर देगा। जुकरबर्ग ने कहा कि कंपनी फेसबुक डाटा को प्रतिबंधित करेगी और थर्ड पार्टी डेवलपर्स सिर्फ नाम, प्रोफाइल फोटो और इमेल एड्रेस एक्सेस कर सकेंगे।

साथ ही डेवलपर्स को अपने पोस्ट्स के अधिकार के लिए फेसबुक यूजर्स से पूछने से पहले एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करने की जरूरत होगी। कंपनी प्रत्येक फेसबुक यूजर्स के न्यू फीड के टॉप पर एक नया फीचर पोस्ट करेगा जो, ऐप की पहुंच को रद्द करने का एक आसान तरीका होगा।

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