फेसबुक ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। फेसबुक ने माना किया फेसबुक पर करोड़ों अकाउंट फर्जी है। आपको बता दे कि भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में फेसबुक के फर्जी खातों की बातें सामने आईं थीं जिनसे अफवाहें उड़ाई गईं या निम्नस्तरीय राजनीतिक हमले किए गए। वही , फेसबुक तब भी सवालों और जांच के घेरे में था। जब से साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव हुये हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने में रूसी अकाउंटों की भूमिका को लेकर फेसबुक को भी अमेरिका में चल रही जांच का सामना करना पड़ रहा है।
वही , अब फेसबुक ने एक्सेप्ट भी किया है कि उसके प्लेटफॉर्म में 27 करोड़ फर्जी या नकली अकाउंट्स हैं।
द टेलिग्राफ की रिपोर्ट में शनिवार को बताया गया है कि सोशल मीडिया दिग्गज ने इस हफ्ते अपनी तिमाही आय के आंकड़े जारी किए थे और इसके साथ ही यह खुलासा भी किया था कि उसने जितना अनुमान लगाया था, उससे दस लाख गुना ज्यादा फर्जी या नकली खाते हैं।
द वॉशिंगटन पोस्ट की अक्टूबर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार , फेसबुक ने सांसदों को यह बताने की योजना बनाई थी कि 12.6 करोड़ यूजरों ने रूसी ऑपरेटरों द्वारा बनाई गई और वितरित की गई सामग्री देखी होगी। यह कंपनी द्वारा पहले बताए गए आंकड़ों से कई गुना अधिक है। फेसबुक ने पहले बताया था कि लगभग 10 लाख यूजर्स ने उन विज्ञापनों को देखा था।
इससे पहले खबर आई थी कि फेसबुक अपने न्यूज फीड को दो भागों में विभाजित करने के लिए टेस्टिंग कर रहा है। इसके तहत सोशल मीडिया की जगत की दिग्गज कंपनी फेसबुक निजी समाचारों से व्यावसायिक पोस्टों को अलग करने के बारे में विचार कर रहा है। कंपनी का मानना है कि यह कुछ व्यवसायों को विज्ञापन बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
स्लोवाकिया, सर्बिया और श्रीलंका सहित छह देशों में इस नई प्रणाली का परीक्षण किया जा रहा है. इसके तहत लगभग सभी नॉन-प्रोमेटिड पोस्ट को सेंकेंडरी फीड में शिफ्ट किया जा सकता है और मुख्य फीड में पूरी तरह से ओरिजनल कंटेंट होगा, जोकि दोस्तों और विज्ञापन की ओर से पोस्ट किया जाएगा।
कंपनी के एक बयान के मुताबिक एक फीड मित्रों और परिवार पर ध्यान केंद्रित करता है। जबकि दूसरा उस पृष्ठ पर समर्पित होता है। जिसे ग्राहक पसंद करते हैं. इस बदलाव में फेसबुक पेजों पर यूजर्स इंगेजमेंट में गिरावट देखी गई है।