देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को वॉलमार्ट ने खरीद लिया है। सॉफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मासायोशी सन ने आज इस बात की पुष्टि की है। अमेरिका की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वालमार्ट ने भारत की ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है।
फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल इस सौदे के बाद कंपनी छोड़ देंगे. उन्होंने बिन्नी बंसल के साथ मिलकर 2007 में इसकी स्थापना की थी. सचिन और बिन्नी पहले अमेजन डॉट कॉम इंक में काम करते थे. उन्होंने किताबें बेचने से कंपनी की शुरुआत की थी।
खरीददारी के लिए अमेजन जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता के बीच वालमार्ट को उम्मीद है कि इस सौदे के बाद वह इस सेक्टर में अपने पांव जमा पाएगी। दूसरी तरफ, फ्लिपकार्ट को वालमार्ट की पूंजी और रिटेल व्यवसाय में उसके दशकों के अनुभव का लाभ मिलेगा। वालमार्ट ने कहा है कि फ्लिपकार्ट को भविष्य में शेयर बाजार में भी सूचीबद्ध किया जाएगा।
फ्लिपकार्ट को खरीदने के लिए उसकी घोर प्रतिद्वंद्वी अमेजन ने भी प्रस्ताव दिया था। इसके तहत वह भारतीय कंपनी की 60 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का इच्छुक था लेकिन वालमार्ट ने बाजी मार ली।
आपको बता दे कि इस डील के जरिए वॉलमार्ट अमेरिका और दूसरे देशों में अमेजन को टक्कर देने का रास्ता ढूंढ रही है। ऑनलाइन सेल्स को बढ़ाने के लिए वॉलमार्ट अमेरिका में हुए हालिया जेट.कॉम डील और चीन में जेडी.कॉम के साथ हुई डील से आगे निकलना चाहती है। भारत में वॉलमार्ट को रेग्युलेशन के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और फ्लिपकार्ट में निवेश उसे ऑनलाइन रिटेल मार्केट में बड़ी जगह मिल जाएगी।
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