ठुमरी गाने के लिए मशहूर गिरिजा देवी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार चल रही थीं। उन्हें कोलकाता के बीएम बिड़ला नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। मंगलवार 24 अक्टूबर रात 9 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। गिरिजा देवी 88 साल की थी।
पद्मविभूषण गिरिजा देवी का निधन कोलकाता के बिड़ला अस्पताल में रात करीब साढ़े नौ बजे हो गया। सुबह इनकी नतनी अनन्या दत्ता ने तबीयत नासाज होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था।
बकौल अनन्या, सुबह नानी ने खूब बात की थी। फिर थोड़ी तबियत खराब होने की बात कही तो हमसब उन्हें चेकअप के लिए अस्पताल ले आए। यहां भी चिकित्सकों ने जांच के बाद भर्ती कर लिया।
देरशाम थोड़ा सुधार हुआ तो लेकिन फिर रात में करीब आठ बजे स्थिति नाजुक हो गयी। नानी रात करीब साढ़े नौ बजे हमसब का साथ छोड़कर चली गयी।
बनारसी घराने की सशक्त आवाज और संगीत की जीवंत मिशाल मानी जाने वाली गिरिजा देवी काशी को संगीत का मुख्य केन्द्र बनाने की इच्छा रखती थीं।
हाल ही में काशी आयी थीं तो बातचीत में आपा जी ने कहा था कि खोई भारतीय संस्कृति और संगीत की साख को काशी में ही पुन: प्रज्ज्वलित करने की इच्छा है। यही नगरी है जहां भोलेबाबा डमरू से नाद ध्वनि करते हैं। समय के साथ कहीं संगीत खो रहा है, इसे पुन: संवारने ही हमारी अंतिम इच्छा है।