नई दिल्ली : सरकार प्राइवेट कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSU) में काम करने वाले लाखों लोगों को बड़ी सौगात दे सकती है। दरअसल सरकार ग्रैच्युटी की समय सीमा को घटाने पर विचार कर रही है। श्रम मंत्रालय की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। अगर प्रस्ताव मंजूर हो गया तो कर्मचारी को एक साल काम करने के बाद नौकरी छोड़ने पर ग्रैच्युटी का पैसा मिलने लगेगा। फिलहाल ग्रैच्युटी की सीमा 5 साल है। इस हिसाब से अगर आप पांच साल पूरे किए बिना नौकरी छोड़ते हैं तो आपको ग्रैच्युटी के पैसे नहीं मिलते हैं। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रस्ताव कैबिनेट भेजा गया है।
बता दें कि 5 साल की नौकरी पूरी करने पर ग्रैच्युटी मिलती है। फिलहाल टैक्स फ्री ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये है। टैक्स फ्री ग्रैच्युटी की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रस्ताव कैबिनेट में है। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने ये भी बताया कि पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट में संशोधन जल्द संभव है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वेज कोड मॉनसून सत्र में ही आएगा और पूरे देश में न्यूनतम मजदूरी एक समान होगी।
इससे पहले खबरें आईं थी कि सरकार ग्रैच्युटी पर टैक्स छूट को दोगुना कर सकती है। अब तक 10 लाख रुपये से अधिक राशि की ग्रैच्युटी पर टैक्स लगता रहा है, लेकिन अब ग्रैच्युटी पर छूट की सीमा को 20 लाख रुपये तक करने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी प्रदान कर दी है। पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी ऐक्ट, 1972 के तहत सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रैच्युटी की राशि पर टैक्स में छूट मिलती है यानि सरकारी कर्मचारियों को ग्रैच्युटी पर कोई टैक्स नहीं देना होता। दूसरी तरफ गैर-सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर मिलने वाली ग्रैच्युटी की 10 लाख रुपये तक की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है, लेकिन इसके बाद टैक्स चुकाना होता है।
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बता दें कि 10 या उससे अधिक कर्मचारी वाले संस्थान पर ग्रैच्युटी एक्ट लागू होता है। इस नियम के तहत अगर कोई संस्थान एक बार आ जाता है तो उसके कर्मचारियों की संख्या 10 से कम होने के बाद भी उसे इसका पालन करना होता है। सरकारी कर्मचारियों को ग्रैच्युटी के पैसे रिटायरमेंट पर ही मिलते हैं, लेकिन प्राइवेट और पीएसयू में काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी में 5 साल पूरा करने के बाद इस्तीफा देता है तो उसे ग्रैच्युटी की राशि मिल जाती है।