फेसबुक डाटा लीक मामले में जवाब से असंतुष्ट सरकार ने फेसबुक और कैम्ब्रिज एनालिटिका को दूसरा नोटिस जारी किया है। इन दोनों को जवाब देने के लिए 10 मई तक का वक्त दिया है। नोटिस मे कहा गया है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका की ओर से दिया गया पिछला जवाब भ्रामक था। पूरे जवाब में खुलासे से ज्यादा छिपाने का इरादा साफ दिखता है। इससे पहले 28 मार्च को भी सरकार ने फेसबुक को नोटिस जारी किया था। इसमें कंपनी को 7 अप्रैल 2018 तक जबाव देने को कहा था। कैम्ब्रिज एनॉलिटिका को पहला नोटिस फेसबुक से पहले नोटिस जारी किया था।
खबरों के अनुसार , सरकार ने अपने अपनी लिस्ट में कुछ नए सवाल भी जोड़े हैं। सरकार ने नोटिस में फेसबुक से पूछा है कि देश के लोगों के डाटा को मिसयूज होने से बचाने के लिए कौन से अतिरिक्त कदम उठा रही है। सरकार ने इस बाबत सरकार से पूरा प्लान मांगा है।
वही ,ब्रिटेन में फर्जी खबरों की जांच का सामना कर रही डेटा कंसल्टेंसी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने मंगलवार को कहा कि वह भारत समेत दुनिया भर में अपनी सभी गतिविधियों की जांच करेगी और उनकी जानकारी देगी।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि जहां कैंब्रिज एनालिटिका का काम मुख्य रूप से अमेरिकी बाजार पर केंद्रित था वहीं उसकी वैश्विक शाखा ‘एससीएल इलेक्शन्स’ दूसरे क्षेत्रों में काम कर रही थी।
प्रवक्ता ने कहा यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सभी राष्ट्रीय मुद्दे और राष्ट्रीय संघ इस स्वतंत्र जांच का हिस्सा होंगे। इस बात को लेकर आश्वस्त रहें कि भारत, केन्या, नाइजीरिया और दूसरे सभी देश जहां पूर्व में एससीएल काम करती रही है, उनके संबंध में जांच होगी और स्वतंत्र जांच के तहत उनकी जानकारी दी जाएगी।
कंपनी पर आरोप लगा था कि 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव अभियान के दौरान मतदाताओं को डोनाल्ड ट्रंर के पक्ष में प्रभावित करने के लिए कंपनी ने फेसबुक के 5 करोड़ यूज़र्स के व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग किया था। इसके बाद फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका दोनों को यूरोपीय संघ, ब्रिटेन समेत अमेरिका में भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।
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